नई दिल्ली। सालाना 2-5 लाख रुपए कमाने वाले 74 प्रतिशत निम्न मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं को अगले साल आय में बढ़ोतरी की उम्मीद है। वहीं, 66 प्रतिशत उपभोक्ताओं को उम्मीद है कि आने वाले वर्ष में वे अधिक बचत व अधिक निवेश करने में सक्षम होंगे। आर्थिक गतिविधियों में तेजी और भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती को देखते हुए उपभोक्ताओं ने यह उम्मीद जाहिर की है।

यह खुलासा होम क्रेडिट इंडिया की तरफ से दि ग्रेट इंडियन वैलेट नामक वित्तीय अध्ययन की रिपोर्ट में किया गया है। होम क्रेडिट इंडिया विभिन्न देशों में उपभोक्ता लोन देने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनी होम क्रेडिट से जुड़ी है।

52 प्रतिशत उपभोक्ताओं की आय बढ़ी

अध्ययन में पाया गया कि वर्तमान स्थिति और भविष्य की धारणा दोनों ही संदर्भ में शहरी और अर्ध-शहरी उपभोक्ताओं के बीच वित्तीय कल्याण सूचकांक में पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि हुई है। 52 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष में उनकी आय में वृद्धि हुई है। अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2024 में मेट्रो में निम्न मध्यम वर्ग की व्यक्तिगत औसत आय 35 हजार रुपए तो टियर 1 व टियर 2 में व्यक्तिगत औसत मासिक आय 33 हजार रुपए हैं।

वर्ष 2023 में मेट्रो में निम्न मध्यम वर्ग की व्यक्तिगत औसत मासिक आय 33 हजार, टियर में 30 हजार तो टियर 2 में 27 हजार थी। आय में सबसे अधिक बढ़ोतरी बंगलुरू और हैदराबाद में देखी गई। सर्वे में पाया गया कि एक औसत निम्न मध्यवर्गीय परिवार अपनी कमाई का 26 प्रतिशत किराने पर तो 21 प्रतिशत किराए पर खर्च करता है। उनके मनोरंजन में स्थानीय शहर की यात्रा, दर्शनीय स्थल पर जाना, बाहर जाकर खाना और सिनेमा देखना मुख्य रूप से शामिल हैं।

यूपीआई को लेकर मिलीजुली राय

यूपीआई के उपयोग पर 53 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने बताया कि यूपीआई पर क्रेडिट मिलने से समय की बचत होती है जो ऋण प्रक्रिया को सरल बनाता है। 31 प्रतिशत उपभोक्ताओं का यह भी मानना है कि यूपीआई पर क्रेडिट सुविधा से कर्ज के जाल में फंसने की संभावना अधिक है। लेकिन यूपीआई सेवा पर अगर सरकार कोई शुल्क लगाती है तो 66 प्रतिशत उपभोक्ता इसकी सेवा बंद कर देंगे।