चित्रकूट के मझगवां में सरकारी जमीन के अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, पुलिस बल रहा तैनात

सतना। विधानसभा क्षेत्र के मझगवां की सरकारी जमीनों पर बने घरों को शनिवार को अधिकारियों ने तोड़ दिया। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जिला कलेक्टर अनुराग वर्मा ने अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे, लिहाजा एसडीएम जितेंद्र वर्मा की अगुवाई में चित्रकूट अनुभाग क्षेत्र के अधिकारियों ने अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई शुरू की। सुबह 9 से राजस्व अधिकारी सहित भारी संख्या में पुलिस फोर्स के द्वारा मझगवां के अतिक्रमण पर कार्यवाही शुरू की गई। इस दौरान अतिक्रमण हटाने का अनाउंसमेंट किया गया। अतिक्रमण का अनाउंसमेंट होते ही तमाम लोगों ने पूर्व से मार्क किए गए अतिक्रमण को तोडऩा प्रारंभ कर दिया। वहीं जिन लोगों ने स्वयं नहीं तोड़ा उनके घरों पर जिला प्रशासन का बुलडोजर चला। अतिक्रमण की कार्रवाई बिना किसी गतिरोध के प्रारंभ हुई। इस दौरान जिला दंडाधिकारी अनुराग वर्मा के द्वारा मझगवां में धारा 144 प्रभावशील की गई थी। मझगवां में अतिक्रमण हटाने की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले 2016-17 में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई थी। पुलिस ट्रेनिंग सेंटर सहित तमाम जगहों पर मौजूद अतिक्रमण को हटाकर प्रशासन ने नष्ट कर दिया था। हालांकि तब अधिकारियों को बड़े विरोध का सामना करना पड़ा था। इस बार प्रशासनिक अधिकारियों ने पूरी प्लानिंग के साथ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। सबसे पहले मझगवां बस स्टैंड के आसपास मौजूद अतिक्रमण को ढहाया गया। कब्जा हटाने की कार्यवाही शांतिपूर्वक संपन्न कराये जाने तथा कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए कलेक्टर द्वारा 6 कार्यपालिक मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति की गई थी। इनमें कोठी के प्रभारी नायब तहसीलदार कमलेश सिंह भदौरिया, सतना के प्रभारी तहसीलदार सौरभ मिश्रा, मझगवां के तहसीलदार जीतेन्द्र तिवारी, चित्रकूट के नायब तहसीलदार हिमांशु शुक्ला, बिरसिंहपुर के प्रभारी नायब तहसीलदार परमसुख बंसल तथा जैतवारा के प्रभारी नायब तहसीलदार परमानंद तिवारी को शामिल किया गया। वहीं अतिक्रमण हटाने में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न ना हो इसको मद्देनजर रखते हुए पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता के द्वारा भारी संख्या में पुलिस फोर्स भेजी गई थी। चित्रकूट अनुभाग क्षेत्र के सभी थानों के थाना प्रभारी और पुलिस फोर्स सहित सतना से रिजर्व दल मौके पर भेजा गया, जो मझगवां के चप्पे-चप्पे पर तैनात रहे और विरोधी गतिविधियों वाले लोगों पर नजर बना कर रखी। जिसके चलते कहीं कोई विरोध नहीं हो पाया और अतिक्रमण की कार्रवाई हुई।