बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट प्रतियोगिता का हुआ समापन
छतरपुर। श्री कृष्णा विश्वविद्यालय में 1 सितम्बर से 25 सितम्बर 2024 तक स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत चल रही प्रतियोगिता बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट प्रतियोगिता का आज दिनांक 30 सितंबर 2024 को प्रदर्शनी लगाकर समापन किया गया। जिसमें विश्वविद्यालय में संचालित सभी संकायों के विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए प्रोजेक्टों का प्रदर्शन किया गया है।
बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट प्रतियोगिता का उद्घाटन मुख्य अतिथि माननीय ॠषि प्रकाश बिरथरे, वरिष्ठ अधिवक्ता जिला एवं सत्र न्यायालय छतरपुर, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ.बृजेन्द्र सिंह गौतम, उपकुलगुरु डॉ.गिरीश त्रिपाठी, कुलसचिव विजय सिंह एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. भक्ति अग्रवाल द्वारा रिबन काट कर ज्ञान की देवी मॉं सरस्वती के छायाचित्र पर पुष्पार्पण उपरांत दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
समस्त संकाय के प्रतिभागी विद्यार्थियों द्वारा व्यर्थ सामग्री से बनाई गई विभिन्न वस्तुओं का अवलोकन करते हुए मुख्य अतिथि ॠषि प्रकाश बिरथरे ने कहा कि अनुपयोगी वस्तुओं से उपयोगी वस्तुओं का निर्माण कौशल विकास की बेहतरीन विधाओं में एक है, जो हस्तकौशल के साथ ही साथ धनार्जन में भी अत्यधिक सहायक है। इससे स्वरोजगार की सम्भवना तो प्रबल होती ही है साथ-साथ हम अपने हुनर से समाज में एक विशिष्ट पहचान भी बनाते हैं।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. बृजेन्द्र सिंह गौतम ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि अपशिष्ट पदार्थ या बेकार सामग्री का पुन: उपयोग करना एक अद्भुत अनुभव है। थोड़ी-सी कल्पना, रचनात्मकता, कौशल और उन वस्तुओं को देखने की क्षमता जो अनुपयोगी हैं उन्हे कैसे उपयोग में लाया जा सकता है। जैसे वे नहीं हैं, लेकिन वे क्या बन सकती हैं अर्थात् सर्वोत्तम बनाने का अर्थ उन वस्तुओं से कुछ उपयोगी और नवीन बनाना है। घरेलू सामानों को फेंकने के बजाय उनसे रचनात्मक और सजावटी घरेलू सजावट की वस्तुएं बनाकर हमारे विद्यार्थियों ने बहुत ही अच्छा सराहनीय कार्य किया तथा समाज को भी सन्देश दिया कि कोई वस्तु व्यर्थ नहीं होती बल्कि उसे पुन: उपयोग करना आना चाहिए।
इस प्रदर्शनी में विश्वविद्यालय में संचालित संकायों जैसे प्रबंधन संकाय, मानवीकि एवं सामाजिक विज्ञान संकाय, विज्ञान संकाय, वाणिज्य संकाय, कृषि संकाय, विधि संकाय, शिक्षा संकाय, इंजीयनियरिंग, फार्मेसी कंप्यूटर एप्लीकेशन के छात्र-छात्राओं ने नियमित घरेलू सामानों में पुराने अखबार, इस्तेमाल की हुई बोतलें, खाली टिन के डिब्बे, कार्डबोर्ड बॉक्स, नारियल के गोले और प्लास्टिक की बोतलों का प्रयोग कर प्रोजेक्ट बनाने में हाउस, गुलदस्ता, 3डी प्रोजेक्टर, मोटर साईकिल, सोलर पैनल, उच्च न्यायालय भवन का मॉडल, श्री कृष्णा विश्वविद्यालय का मॉडल आदि शामिल हैं।