विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष आलेख: भावनात्मक मजबूती देगी अच्छा स्वास्थ्य...

डॉ. राघव पाठक
संस्थापक डॉ पाठक हॉलिस्टिक क्योर
अध्यक्ष, इंटीग्रेटेड आयुष काउंसिल, मध्यप्रदेश
विश्व स्वास्थ्य दिवस
7th April: World Health Day
विश्व स्वास्थ्य दिवस , हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है, विश्व स्वास्थ्य दिवस , विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्थापना की वर्षगांठ का प्रतीक है, इसकी शुरुआत 1948 में हुई थी| इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण विषयों पर सम्पूर्ण विश्व का ध्यान आकर्षित करना एवं स्वास्थ्य समानता को बढ़ावा देना है |
हम सभी जानते हैं पर्यावरण में विभिन्न प्रकार की बीमारियां मौजूद हैं , जिसके चलते न केवल भारतीयों को बल्कि सारे विश्व को परेशानी होती है, इन सभी बीमारियों से बचाव के लिए लोगो में स्वास्थ्य सम्बन्धी लगातार जागरूकता फैलाना बेहद आवश्यक कार्य और जिम्मेदारी है।
हालाँकि WHO के निरंतर प्रयासों के परिणाम स्वरुप आम तौर पर बाजार में मौजूद रहने वाली एवं आसानी से उपलब्ध हो जाने वाली जेनेरिक दवाएं मानव स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो गयी हैं, लेकिन इनका उपयोग बेहद ही सजग होकर करने की जरूरत है, जिसके लिए निरंतर अवेयरनेस समाज के बीच जरूरी है।
इस वर्ष ध्यान देने योग्य विषय ये है, कि विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 की थीम- “सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य एवं भावात्मक कल्याण को प्राथमिकता देना है।” वर्तमान तकनीकी युग में यह विषय मानसिक स्वास्थ्य के महत्व एवं समग्र कल्याण के लिए इसकी आवश्यकता पर जोर देता है जिसकी आज के दौर में हम सभी को बेहद आवश्यकता है।
सौभाग्य से हम भारतीय इस दिशा में हमेशा से ही अग्रसर रहे हैं, किंतु नकारात्मक जीवन शैली, पारिवारिक, सामाजिक विसंगतियां, विद्वेष, बहुतायत में मोबाइल और टेक्नोलॉजी के उपयोग के चलते मानसिक स्वास्थ्य को अक्सर अनदेखा या बदनाम कर किया जाता है, लेकिन इस वर्ष के विषय का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुँच और भावनात्मक कल्याण के लिए समर्थन की वकालत करके इसे बदलना है|
विश्व स्वास्थ्य संगठन का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है, कि मानसिक स्वास्थ्य को शारीरिक स्वास्थ्य के समान ही महत्व दिया जाए। मानसिक स्वास्थ्य अब पहले से कहीं ज्यादा महत्व पूर्ण है, वर्तमान के 70 से 80% अपराधिक मामलों की जड़ में अगर हम जाएंगे तो मानसिक स्वास्थ्य के प्रति हमारी लापरवाही प्रमुख कारण के रूप में चिन्हित होकर निकलेगी, जिस पर हम सभी को ध्यान देने की अपने अपने क्षेत्रों से जरूरत है।
ख़ास तौर पर कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुई वैश्विक चुनौतियों के बाद, तनाव, चिंता, अवसाद आदि में बढ़ोतरी मानसिक स्वास्थ्य देख भाल के बारे में अधिक जागरूकता और हमारे ध्यान की आवश्यकता को उजागर करती हैं| 2025 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है और भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देना, यह सुनिश्चित करता है की लोग न केवल जीवित रहें बल्कि भावानात्मक रूप से विकसित और मजबूत हों, जिससे एक सुदृढ़ मानव समुदाय और समाज की संरचना की ओर हम सभी एक साथ आगे बढ़ सकें।