नई दिल्ली। इजरायल की राजधानी तेल अवीव में जारी नई रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल ने 2024 में अपना अब तक का सबसे बड़ा रक्षा निर्यात दर्ज किया है। सैन्य अभियानों और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बावजूद इजरायल का हथियार उद्योग लगातार बढ़ रहा है। इजरायल के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि इस वर्ष उसका कुल रक्षा निर्यात 14.8 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है, जो 2023 में दर्ज 13 अरब डॉलर से 13 प्रतिशत ज्यादा है। यह लगातार चौथा साल है, जब देश ने रक्षा निर्यात में नया कीर्तिमान बनाया है।
यह वृद्धि तब आई है, जब इजरायल को गाजा में चल रहे युद्ध को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तीखी आलोचना झेल रहा है। मानवाधिकार उल्लंघन और नरसंहार जैसे गंभीर आरोपों के बावजूद इजरायल के हथियारों की मांग में कोई गिरावट नहीं देखी गई। इसकी तुलना में रूसी हथियार निर्यात में भारी गिरावट आई है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिरपी) के अनुसार, 2019 से 2023 के बीच रूसी रक्षा निर्यात करीब आधा रह गया है। जिसका मुख्य कारण यूक्रेन युद्ध, आर्थिक प्रतिबंध, मुद्रास्फीति और रसद संकट है। इस परिस्थिति का लाभ इजरायल ने उठाया और पूर्व रूसी हथियार बाजारों में अपनी पैठ मजबूत की।
2024 में यूरोप इजरायल का सबसे बड़ा हथियार खरीदार रहा, जहां कुल निर्यात का 54 प्रतिशत भेजा गया। यह आंकड़ा 2023 में 35 प्रतिशत था। सिर्फ यूरोपीय देशों ने करीब 8 अरब डॉलर के इजरायली हथियार खरीदे। इसमें सबसे बड़ा सौदा जर्मनी के साथ हुआ, जर्मनी ने इजरायली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज से 3.8 अरब डॉलर में एरो-3 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदी। आश्चर्यजनक रूप से, यूरोप में बढ़ती आलोचना और कुछ देशों द्वारा सौदे रद्द करने के बावजूद यह क्षेत्र इजरायल के लिए सबसे बड़ा बाजार बना रहा।
एशिया में भारत इजरायल का प्रमुख ग्राहक बना रहा। सिरपी के अनुसार, 2020 से 2024 के बीच भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक रहा, और इजरायल उसका तीसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता था। इस दौरान इजरायल ने भारत के कुल रक्षा आयात का 13 प्रतिशत आपूर्ति किया। इसके अलावा, इजरायल ने अब्राहम समझौते के तहत संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मोरक्को और सूडान जैसे अरब देशों को भी खूब हथियार बेच दिए है। 2023 में इनका कुल हिस्सा मात्र 3 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 12 प्रतिशत हो गया है। कुल मिलाकर, इजरायल ने विरोध, युद्ध और आलोचना के बीच भी अपने हथियार निर्यात को लगातार ऊंचाई पर बनाए रखा है।