मध्य प्रदेश में 7 लाख फर्जी समग्र आईडी! केवल इंदौर में आंकड़ा 6,64000, ऐसे हुआ खुलासा

इंदौर: किसी भी व्यक्ति की पहचान दर्शाने वाले जरूरी दस्तावेज समग्र आईडी के भी लाखों की संख्या में फर्जी होने का दावा किया जा रहा है. यह आरोप कांग्रेस ने इंदौर में लगाए हैं. कांग्रेस ने इस मामले में जांच की मांग की है. वहीं, मांग नहीं माने जाने पर 19 जुलाई को आंदोलन की चेतावनी दी है. कांग्रेस का आरोप है, फर्जी समग्र आईडी मामले की जांच के चलते पूरे प्रदेश में 7 लाख 21 हजार फर्जी समग्र आईडी का पता चला है. जिसमें से इंदौर में ही फर्जी समग्र आईडी की संख्या 6,64000 के करीब है.
इंदौर में ही 6,64000 फर्जी समग्र आईडी
कांग्रेस का आरोप है कि, ''फर्जी मतदाता सूची की तरह ही यह मामला उजागर होने पर अब कई नगर निगम में फर्जी समग्र आईडी को डिलीट करने की कार्यवाही की जा रही है, जिससे कि पूरे मामले को दबाया जा सके.'' मंगलवार को पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने इंदौर में आरोप लगाते हुए कहा, ''इस मामले में शासन ने सभी कलेक्टरों को 7.21 लाख फर्जी समग्र आईडी की सूची भेजकर जांच करने और पोर्टल से हटाने के आदेश भी दिए हैं.''
''इसी ममले में नगर निगम द्वारा 04 जुलाई 2025 को जारी कि गई रिपोर्ट अनुसार, केवल इंदौर के 22 जोन पर 6.64 लाख फर्जी समग्र आईडी पाई गई हैं. नतीजतन इंदौर नगर निगम पिछले माह से फर्जी समग्र आईडी डिलीट करने के कार्य में लगा है. इसके लिए नगर निगम के सभी 22 जोन पर प्रभारी भी बनाए हैं.
कांग्रेस ने दी आंदोलन की चेतावनी
इधर इस मामले के उजागर होने के बाद पूर्व मंत्री वर्मा ने संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर और निगमायुक्त को आवेदन देकर पूरे मामले कि जांच करने और दोषियों पर कारवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा, ''यदि इस मामले में जांच नहीं की गई तो 19 जुलाई को कांग्रेस द्वारा नगर निगम का घेराव किया जाएगा.''
वन नेशन-वन राशन कार्ड में भी घपला
सज्जन वर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा, ''भाजपा शासन में इंदौर अब सिर्फ सफाई में नंबर 1 नहीं, फर्जीवाड़े में भी नंबर 1 बन गया है. ''फर्जी समग्र आईडी घोटाले के पहले भी जांच में इंदौर में 13502 परिवार गैर-निवासरत पाये गए थे, जबकि उनके आधार कार्ड में इंदौर के फर्जी एड्रेस थे. मामला उजागर होने पर उन तमाम समग्र आईडी और फर्जी हितग्राहियों को राशन देना बंद किया गया था. उस दौरान 2.60 लाख गैर-निवासरत नागरिकों के नाम मतदाता-सूची से हटाने का शपथ-पत्र तत्कालीन अपर कलेक्टर अभय बेडेकर ने उच्च न्यायालय की याचिका क्रमांक 5741 / 2021 में दिया था.''
इंदौर से उजागर हुआ मतदाता-सूची का मामला आज पूरे देश में चर्चा में है. इस रिपोर्ट ने मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में हलचल मचा दी है. इंदौर के बाद कर्नाटक में 27 लाख, महाराष्ट्र में 47 लाख फर्जी मतदाता ठीक चुनाव के पूर्व मतदाता-सूची में जोड़े गए थे.