Peptech Time

  • Download App from
    Follow us on
  • रिजर्व सीट के बाद भी उपभोक्ता को नहीं मिली यात्रा की सुविधा

    रिजर्व सीट के बाद भी उपभोक्ता को नहीं मिली यात्रा की सुविधा

    छतरपुर। रिजर्वेशन कराने के बाद भी यात्रा के दौरान रिजर्व सीट न मिलने से आहत उपभोक्ता ने पहले विभाग को शिकवा-शिकायत की लेकिन जब वहां से कोई समस्या का हल नहीं निकला तो मजबूरन उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग की शरण में जाना पड़ा। उपभोक्ता फोरम ने उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए रेलवे के चेयरपर्सन, मैनेजिंग डायरेक्टर एवं मण्डल रेल प्रबंधक को आदेशित किया है कि उपभोक्ता को 25 हजार रूपए सेवा में कमी के बदले और दो हजार रूपए परिवाद व्यय एक माह के भीतर चुकाए।
    जानकारी के मुताबिक अधिवक्ता रोहित साहू पुत्र अशोक साहू निवासी बसारी हाल क्रिश्चियन इंग्लिश स्कूल के पीछे द्वारा भोपाल जाने के लिए महामना एक्सप्रेस गाड़ी संख्या 22164 में रिजर्वेशन कराया था। 16 दिसम्बर 2022 को 199.85 रूपए ऑनलाईन भुगतान करते हुए रिजर्व टिकिट खरीदी थी। उपभोक्ता श्री साहू को पीएनआर नंबर 2733929727 भी जारी किया गया था। 17 दिसम्बर 22 को भोपाल जाने के लिए उपभोक्ता रेलवे स्टेशन छतरपुर पहुंचा जहां उसे ज्ञात हुआ कि ट्रेन एक घंटे विलंब से आ रही है। परिवादी ने अपनी सीट क्रमांक 31 पर जाकर बैठने की कोशिश की लेकिन वहां पहले से ही एक व्यक्ति बिना टिकिट बैठा था। व्यक्तिगत रूप से उसे सीट से हटाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं हटा तब उपभोक्ता श्री साहू ने रेलवे की हेल्पलाइन 139 पर शिकायत दर्ज की। उसे आश्वासन मिला कि अगले स्टेशन में उसकी मदद होगी लेकिन न तो स्टेशन में कोई मदद मिली और न ही रेलवे सुरक्षा बल की ओर से सहायता की गई। परिणामस्वरूप उपभोक्ता को पूरी यात्रा गेट के पास खड़े होकर करनी पड़ी जिससे उसे मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ा। उपभोक्ता ने इस समस्या के हल के लिए रेलवे से लगातार संपर्क कर शिकायत की लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। अंतत: उपभोक्ता ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग की शरण ली। अध्यक्ष सनत कुमार कश्यप एवं सदस्य निशा गुप्ता ने इस पूरे प्रकरण के तथ्यों का परखते हुए चेयरपर्सन एण्ड चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर भारतीय रेलवे, चेयरपर्सन एण्ड मैनेजिंग डायरेक्टर आईआरसीटीसी एवं मण्डल रेल प्रबंधक झांसी डिवीजन को आदेशित किया कि वे 30 दिवस के भीतर परिवादी को 2 हजार परिवाद व्यय सहित 27 हजार रूपए चुकाए। इस आदेश से यह स्पष्ट होता है कि यदि किसी भी विभाग द्वारा सेवा में कमी की गई है तो उपभोक्ता फोरम में उसकी शिकायत कर दण्डित किया जा सकता है।

  • जन संपर्क न्यूज़

    Stay Connected

  • Related Posts

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Add New Playlist