सतना। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत जनता को दिए जाने वाले खाद्यान्न में हेराफेरी के मामले में मैहर जिला प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाते हुए बड़ा एक्शन लिया है। मैहर एसडीएम ने 4 राशन दुकानें निलंबित कर दी हैं और सेल्समेन्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। मैहर कलेक्टर रानी बाटड ने राशन वितरण प्रणाली की समीक्षा कर तमाम गड़बडिय़ों पर नाराजगी जताई थी। कलेक्टर की सख्ती के बाद मैहर एसडीएम विकास सिंह एक्शन मोड़ में आए और उन्होंने थोकबंद कार्रवाई करते हुए 4 राशन दुकानें सस्पेंड कर दीं। हासिल जानकारी के मुताबिक मैहर एसडीएम विकास सिंह ने पीडीएस की राशन दुकान तिघरा खुर्द, बिनैका, कनियारी और हरदासपुर में व्यापक अनियमितताएं पाए जाने पर इन चारों दुकानों को निलंबित कर दिया है। फिलहाल तिघरा खुर्द की दुकान को झुकेही, हरदासपुर की दुकान को सेवा सहकारी समिति मर्यादित तिघरा और कनियारी की दुकान को बठिया में अटैच कर दिया गया है। इसी तरह राशन दुकान बिनैका के हितग्राहियों को सहकारी समिति अमदरा से सम्बद्ध कर अस्थायी व्यवस्था बनाई गई है। एसडीएम ने तिघरा खुर्द के सेल्समैन केदार प्रसाद परौहा, हरदासपुर के सेल्समैन शिवगोपाल सिंह, कनियारी के नवीन कुमार शुक्ला व बिनैका के सेल्समैन राजेश तिवारी के विरुद्ध एफआईआर कराने के आदेश भी दिए हैं। उन्होंने जेएसओ राजीव पांडेय को निर्देश दिए हैं कि 3 दिन के अंदर इन चारों के खिलाफ संबंधित थानों में प्रकरण दर्ज करा कर जानकारी प्रस्तुत की जाए। कार्यवाही के दायरे में आई राशन दुकानों में तमाम तरह की गड़बडिय़ां खाद्य विभाग के अधिकारियों की जांच में मिली थीं। हरदासपुर का सेल्समैन थंब इम्प्रेशन तो ले लेता था लेकिन हितग्राहियों को राशन वितरण नहीं करता था, वह पीओएस मशीन से पात्रता पर्ची भी नहीं देता था। कनियारी और बिनैका के सेल्समैन न तो नियमित दुकान खोल रहे थे और न ही शत प्रतिशत हितग्राहियों को खाद्यान्न वितरित कर रहे थे। ऐसी ही स्थिति तिघरा खुर्द में भी थी। तिघरा में फरवरी में महज 7 फीसदी परिवारों को ही राशन प्रदान किया गया था।