दमोह। नगर में दमोह कटनी स्टेट हाईवे पर मंगलवार को हुए एक बड़े अमंगलकारी हादसे ने हर शख्स को अंदर तक झकझोर कर रख दिया है। जब शोभा नगर क्षेत्र से एक साथ नौ आर्थियां उठी तो उन आर्थियों को कंधा देने के लिए सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे। शहर भर से लोग आर्थियों को कंधा देने के लिए पहुंच गए, देखने वालों की आंखों में मंजर देखकर आंसू आ गए। हर कोई यही कहते सुना गया कि हे भगवान ऐसा क्यों किया। 
ग़ौरतलब है कि मंगलवार को एक डंपर ने ऑटो रिक्शा को रौंद दिया था। शराब के नशे में चालक को यह होश नहीं था कि उसने कितना बड़ा हादसा कर डाला है। कितनी मासूमों की जान उसकी शराब ने ले ली है। शराबी का आलम यह था कि कई घंटे तक पुलिस उससे पूछताछ करती रही लेकिन वह कुछ भी बता पाने की हालत में नहीं था. उसके मुंह से एक शब्द निकल रहा था की मेरा डंपर कहां है। प्रत्यक्ष दर्शियों का कहना था कि डंपर चालक को समन्ना के आगे पडऩे वाले एक पेट्रोल पंप पर कुछ लोगों ने रोका था कि वह थका हुआ है शराब के नशे में है। डंपर लेकर न जाए लेकिन शराबी ने बात नहीं मानी और जब वह डंपर लेकर निकला तो एक साथ नौ मासूमों की जिंदगियां उसने पल भर में छीन ली। आज सुबह से ही शोभा नगर क्षेत्र में लोगों की भीड़ जमा होना शुरू हो गई। जैसे-तैसे एक के बाद एक नौ आर्थियों को तैयार किया गया। मातम भरे माहौल में एक साथ नौ आर्थियां निकाली गई. जहां-जहां से भी अंतिम यात्रा निकलती सड़क के दोनों ओर लोगों की जमा भीड़ की आंखों में आंसू आने लगे। मृतक के परिजनों को सांत्वना देने के लिए कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर और पुलिस अधीक्षक श्रुत कीर्ति सोमवंशी सहित तमाम अधिकारी खुद मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसी तरह परिजनों को ढ़ाढस बंधाया और वह खुद भी अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जटाशंकर मुक्तिधाम पहुंचे। जब सभी चिताओं को अग्नि दी गई तो वहां का माहौल और भी दर्द भरा हो गया, लोगों के मुंह से सिर्फ हाय निकल रही थी। इस घटना के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने तुरंत ही एक्स हैंडल पर शोक संवेदनाएं व्यक्त करते हुए घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने मृतकों  के परिजनों को दो दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता एवं घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता को तत्काल मंजूरी दी थी लेकिन यह रुपए पाकर भी क्या परिजन खुश रह पाएंगे। अपने से बिछडऩे वालों का गम भूल पाएंगे कहना शायद मुश्किल है।