छतरपुर। एक नाबालिग से दुष्कर्म करने और इसी मामले में राजीनामा करने को लेकर पीडि़ता तथा उसके परिवार के ऊपर गोली चलाने के आरोपी युवक ने बीती सुबह खुद को गोली मार ली थी। घटना के 26 घंटे बाद युवक का पोस्टमार्टम चार डॉक्टरों की टीम ने किया है। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक पोस्टमार्टम के दौरान मृतक के सिर से एक गोली मिली है। हालांकि जब तक पोस्टमार्टम की पूरी रिपोर्ट सामने नहीं आती तब तक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। पुलिस पर परिवार के सदस्यों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। 
जानकारी के मुताबिक पिछले तीन माह से दुष्कर्म के मामले में फरार आरोपी भोला अहिरवार ने मंगलवार की सुबह दुष्कर्म पीडि़ता, उसके दादा और चाचा को करीब 10 बजे गोली मार दी थी। इस घटना में वृद्ध की मौके पर ही मौत हो गयी थी जबकि पीडि़ता और उसके चाचा को जिला अस्पताल से ग्वालियर भेजा गया है। घटना को अंजाम देने के बाद भोला अहिरवार ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट डाली थी जिसमें उसने अपनी लोकेशन बतायी थी। पुलिस ने तीन लोगों को गोली मारने के मामले में भोला के ऊपर 20 हजार रूपए का इनाम घोषित कर दिया था। उधर सोशल मीडिया की पोस्ट मिलते ही पुलिस हरकत मे आ गयी और  संबंधित स्थान पर भोला को गिरफ्तार करने के लिए निकल गयी। उधर भोला ने पुलिस के आते ही खुद को गोली मार ली थी। भोला की मौत को लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। सागर आईजी प्रमोद वर्मा का कहना था कि भोला के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई थी। पुलिस के डर से उसने गोली मारी है। पांच सेकेण्ड के एक वीडियो में भोला खुद को गोली मारता दिखाई दे रहा है। 
मास्टर माइंड तो कोई और है
भोला के फुफेरे भाई केएल अहिरवार का कहना है कि भोला ने बेहद प्रताडि़त होने पर जान दी है। इस पूरी घटना के पीछे का मास्टरमाइंड कोई और ही है। श्री अहिरवार के मुताबिक भोला ने उन्हें बताया था कि कुछ आपत्तिजनक फोटो को लेकर विवाद हुआ था जिस वजह से उसे झूठे केस में फंसाया गया। पुछी सरपंच प्रेमचन्द्र अहिरवार के आपत्तिजनक फोटो होने के कारण उसके द्वारा झूठा फंसाया गया। प्रेमचन्द्र पुलिस से मिलकर अपने विरोधियों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करवाने में माहिर है। उधर मृतक के चाचा ने भी दबी जुबान से भोला को साजिश का शिकार होना बताया है लेकिन वह बेहद घबराया हुआ है। भोला एसपी से मिलकर पूरी बात बताना चाहता था लेकिन परिस्थितियां उसके विपरीत हो गईं। फिलहाल पुलिस के आला अधिकारियों से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।