लोकसभा चुनाव की ड्यूटी पर तैनात केंद्रीय अर्धसैनिक बल 'सीएपीएफ' के कैडर अधिकारी, अगर लोकल पुलिस के व्यवहार पर सवाल उठाते हैं, तो उन्हें निशाने पर ले लिया जाता है। खास बात ये है कि उनकी सुनवाई न तो खुद के बल में होती है और न ही संबंधित जिले की पुलिस ही कैडर अफसरों की शिकायत पर गौर करती है। पहला मामला 'एसएसबी' अधिकारी का सामने आया था। एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट को आगरा पुलिस की बदइंतजामी की शिकायत करना भारी पड़ गया था। उसे चुनावी ड्यूटी से हटा दिया गया। कारण बताओ नोटिस भी जारी हो गया। अब सीआरपीएफ में भी ऐसा ही मामला देखने को मिला है। सहायक कमांडेंट ने कन्नौज पुलिस की शिकायत की तो उसे भी सीआरपीएफ ने चुनावी ड्यूटी से वापस बुला लिया है। ये दोनों ही मामले सीएपीएफ में कैडर 'व्हिसलब्लोअर' अफसरों के साथ घटित हुए हैं। सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट राहुल सोलंकी ने पिछले दिनों अनाधिकृत एवं घटिया क्वालिटी के 'ट्रैक सूट' की बिक्री का मामला उठाया था। उस मामले में नोएडा ग्रुप सेंटर के डीआईजी को हटा दिया गया था। कई कर्मचारी सस्पेंड भी हुए थे।

सीआरपीएफ कैंप परिसर की फोटोग्राफी की

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में लोकसभा चुनाव के लिए सीआरपीएफ जवानों की तैनाती की गई थी। सूत्रों के मुताबिक, सीआरपीएफ ने जिस जगह पर अपना कैंप स्थापित किया, वहां रात को कन्नौज पुलिस का एसआई, बिना अनुमति के अंदर घुस आया। उसने अपने व्यक्तिगत मोबाइल फोन से सीआरपीएफ कैंप परिसर की फोटोग्राफी की। जवानों एवं सिविल ड्राइवरों के साथ बुरा बर्ताव किया। सीआरपीएफ के कमान अधिकारी ने अपनी शिकायत में कहा है, भविष्य में कन्नौज पुलिस, बल के जवानों को झूठे आरोपों में फंसा सकती है। एडहॉक समवाय ग्रुप केंद्र नोएडा के कार्यालय कंपनी कमांडर द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारी, कन्नौज को शिकायती पत्र भेजा गया था। इस शिकायती पत्र की प्रति पुलिस उप महानिरीक्षक, ग्रुप केंद्र सीआरपीएफ नोएडा, कमांडेंट एडहॉक 355 बटालियन सीआरपीएफ, पुलिस अधीक्षक कन्नौज और पुलिस कोतवाली, कन्नौज को भेजी गई। इसमें कई तरह के गंभीर आरोप लगाए गए। सीआरपीएफ कंपनी को आठ मई से पुलिस कोतवाली कन्नौज के अंतर्गत क्रिस्टु ज्योति अकादमी, में तैनात किया गया। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आठ मई की रात को सिविल पुलिस कन्नौज, के उप निरीक्षक सुभाष चंद्र ने सीआरपीएफ के जवानों और एडहॉक समवाय के साथ में अटैच सिविल ड्राइवरों के साथ दुर्व्यवहार किया है।

डीएम ने किया कैंप परिसर का दौरा

कमान अधिकारी राहुल सोलंकी ने इस मामले में आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की थी। यह बात सामने आई कि उसने किसके कहने पर ऐसा अशोभनीय कृत्य किया है। इससे केंद्रीय सुरक्षा बल व जिला प्रशासन के संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की पूरी संभावना है। यह मामला, लोकसभा चुनावों को निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण कराने के क्रम में प्रशासनिक एवं परिचालनिक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इस घटना के अगले दिन कन्नौज के डीएम सुब्राहंत कुमार शुक्ल, आईएएस ने कैंप परिसर का दौरा कर जवानों से बातचीत की। उन्होंने जवानों के रहन सहन की व्यवस्था और सामान्य कल्याण के बारे पूछताछ की। गत सप्ताह 18 मई को ग्रुप सेंटर नोएडा के डीआईजी कार्यालय द्वारा यह आदेश जारी किया गया कि राहुल सोलंकी कंपनी कमांडर एडहॉक 1/335 समवाय ग्रुप केंद्र नोएडा, जो वर्तमान में उरई, जालौन उत्तर प्रदेश में चुनावी ड्यूटी पर है, वे तुरंत 19 मई तक वापस अपने ग्रुप केंद्र पर रिपोर्ट करें। उनकी जगह पर ग्रुप केंद्र के सहायक कमांडेंट बसंत कुमार को भेजा गया है। डीआईजी कार्यालय द्वारा इन आदेशों को जारी करने के पीछे प्रशासनिक व परिचालनिक कारण बताया गया है। सूत्रों का कहना है, राहुल सोलंकी को भ्रष्टाचार का मामला उजागर करने के चलते परेशान किया जा रहा है।

नकली ट्रैक सूट बेचे जाने के मामले का खुलासा

राहुल सोलंकी ने नोएडा स्थित बल के ग्रुप सेंटर पर नकली ट्रैक सूट बेचे जाने के मामले का खुलासा किया था। सीआरपीएफ मुख्यालय ने इस मामले की गहन जांच पड़ताल कराई थी। शीर्ष अफसरों को यह महसूस हुआ कि वाकई इस मामले से बल की छवि खराब हो रही है। यह मामला, जवानों की आर्थिक सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाला था। जांच रिपोर्ट के आधार पर 12 अप्रैल को डीआईजी हरविंद्र सिंह कलश को हटाने का आदेश जारी कर दिया गया। दूसरे कर्मियों पर भी निलंबन की गाज गिरी थी। राहुल सोलंकी की शिकायत में कहा गया था कि नोएडा स्थित बल के ग्रुप सेंटर में सीआरपीएफ वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन 'सीडब्लूए' द्वारा संचालित परिवार कल्याण केंद्र पर अनाधिकृत तौर से ट्रैक सूट की बिक्री हो रही है। शिकायत में यह आरोप भी लगाया गया कि इस ट्रैक सूट को ज्यादा दामों पर बेचा जा रहा है। इतना ही नहीं, ट्रैक सूट पर एक प्रतिष्ठित ब्रांड का नाम लिखा था। शिकायत करने वाले अधिकारी ने लिखा था कि यह ट्रैक सूट नकली है। इस मामले की विस्तृत जांच कराई जाए।

'एसएसबी' अधिकारी को शिकायत करना पड़ा भारी

लोकसभा चुनाव के दौरान, अपनी ड्यूटी को बेहतर तरीके से अंजाम देने वाले सशस्त्र सीमा बल 'एसएसबी' के एक अधिकारी को बदइंतजामी की शिकायत करना भारी पड़ गया था। एसएसबी के सीमांत मुख्यालय लखनऊ के डीआईजी (ऑप्स) द्वारा तीन मई को जारी आदेश में डिप्टी कमांडेंट रतीश कुमार पांडे को चुनावी ड्यूटी से हटा दिया गया। एसएसबी सूत्रों के मुताबिक, इतना ही नहीं, डिप्टी कमांडेंट को 'कारण बताओ नोटिस' भी जारी कर दिया गया। इस कार्रवाई को लेकर केंद्रीय अर्धसैनिक बल 'सीएपीएफ' के कैडर अफसरों में रोष व्याप्त है। सशस्त्र सीमा बल 'एसएसबी' की तदर्थ वाहिनी 722 के कमांड अधिकारी 'उप कमांडेंट' रतीश कुमार पांडे द्वारा बीते दिनों बल के आईजी महेश कुमार, सीमांत मुख्यालय लखनऊ को शिकायत भेजी गई थी। इसमें डिप्टी कमांडेंट ने चुनावी ड्यूटी के दौरान स्थानीय पुलिस प्रशासन की बदइंतजामी की शिकायत की थी। उसमें कहा गया कि एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट व दूसरे कार्मिकों को रहने की उचित जगह नहीं मिली। वे कई घंटे तक इधर उधर भटकते रहे।