पुणे में हुए सड़क हादसे को लेकर हर नए दिन बड़ा खुलासा हो रहा है। इस मामले में अब तक 11 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अब इस मामले में पुणे के विधायक सुनील टिंगरे की मुश्किलें बढ़ती जा रही है।  टिंगरे पर आरोप लगे थे कि उन्होंने कार हादसे केस में हस्तक्षेप किया था कि और यह भी सुनिश्चित किया था कि दुर्घटना के बाद किशोर को पुलिस से अनुकूल व्यवहार मिले। हालांकि, टिंगरे के बचाव में अब खुद उपमुख्यमंत्री अजित पवार मैदान में उतर गए है।  अजित पवार ने कहा कि पुणे के विधायक सुनील टिंगरे के खिलाफ पोर्श दुर्घटना से जुड़े निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं। बता दें कि टिंगरे पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से ताल्लुक रखते हैं और पुणे शहर के वडगांव शेरी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। मामले के सिलसिले में टिंगरे का नाम सामने आने के बारे में पूछे जाने पर, पवार ने संवाददाताओं से कहा, 'सुनील टिंगरे उस क्षेत्र के विधायक हैं जहां यह घटना हुई थी। जब भी ऐसी घटनाएं होती हैं, तो स्थानीय विधायक अक्सर घटनास्थल का दौरा करते हैं। क्या सुनील टिंगरे ने मामले को दबाने की कोशिश की? उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं।'

अजित पवार ने क्यों नहीं किया विधायक को कॉल

जब अजित से पूछा गया कि क्या उन्होंने इस घटना के बाद पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार को फोन किया था, तो पवार ने कहा, 'मैं अक्सर कई मुद्दों पर पुलिस आयुक्त को फोन करता हूं, लेकिन मैंने इस मामले में उन्हें एक भी फोन नहीं किया है।' 19 मई की सुबह पुणे के कल्याणी नगर में दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई, जब कथित तौर पर नाबालिग द्वारा चलाई जा रही पोर्श ने उनके दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी। पुलिस का दावा है कि नाबालिग नशे में था।

गहन जांच के दिए गए निर्देश

पवार ने कहा कि गृह विभाग के प्रमुख उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दुर्घटना के अगले दिन ही पुणे पुलिस को गहन जांच करने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा, 'यहां तक ​​कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी सही निर्देश दिए हैं। उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई जिन्होंने शुरू में प्रक्रिया में देरी की। मामले में शामिल ससून जनरल अस्पताल के लोगों को भी पुलिस कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।'