नई दिल्ली । बिहार में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के साथ गठबंधन टूटने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बिहार के नीतीश कुमार पर हमलावर है। हाल ही में जय प्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार के सिताब दियारा पहुंचे थे। शाह ने आरोप लगाया कि जो लोग समाजवादी चिंतक जयप्रकाश नारायण के अनुयायी होने का दावा करते हैं, उन्होंने सत्ता के लिए कांग्रेस से हाथ मिला लिया। पत्रकारों ने जब इस पर सवाल पूछा तो उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की राजनीतिक उम्र का हवाला देते हुए तंज कसा। उन्होंने अपनी वरिष्ठता का हवाला देते हुए कहा कि जिन लोगों ने 20 साल पहले राजनीति शुरू की है, उनके बयानों का उनके लिए कोई महत्व नहीं रखता है। हालांकि, मौजूदा सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का भी मानना है कि सीएम को विरोधियों को जवाब देने के लिए अपनी राजनीतिक वरिष्ठता का सहारा लेने के बजाय अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बोलना चाहिए। अमित शाह पहले राजनेता नहीं हैं जिसकी सियासी उम्र और अनुभव पर नीतीश कुमार ने टिप्पणी की है। इससे पहले, वह विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी से लेकर अपने मौजूदा सहयोगी और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तक पर इस तरह से हमले कर चुके हैं। सम्राट चौधरी पर पलटवार करते हुए नीतीश कुमार ने 53 साल के भाजपा नेता और नेता प्रतिपक्ष को लड़का कहा था। सीएम नीतीश ने सम्राट चौधरी को पिता और पूर्व विधायक शकुनि चौधरी के साथ उनके संबोधों की याद दिलाई। जवाब में सम्राट चौधरी ने बताया कि लगता है कि नीतीश कुमार अब अपनी राजनीति खो चुके हैं। मैं पांच बार विधायक हूं। जिस तरह नीतीश कुमार एमएलसी हैं मैं भी एमएलसी हूं। उन्हें मेरे साथ विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए और अपने वरिष्ठता का फायदा उठाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। पिछले विधानसभा सत्र के दौरान पूर्व सड़क निर्माण मंत्री और चार बार के भाजपा विधायक नितिन नवीन को भी ऐसा ही अनुभव का सामना करना पड़ा था। नीतीश कुमार ने सदन में उन्हें बैठने के लिए कहा था। साथ ही उन्होंने कहा था कि तुम अभी बच्चे हो। तुम्हारे पिता नबीन किशोर सिन्हा मेरे हमवतन हुआ करते थे। नितिन नबीन ने बाद में कहा सीएम को याद रखना चाहिए कि विधानसभा में सभी विधायक समान हैं। मैं विधानसभा के बाहर उनके भतीजे का किरदार निभा सकता हूं। उन्हें किसी दिन उनकी वरिष्ठता पर करारा जवाब मिलेगा।