छतरपुर। विश्वविद्यालय में नवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। नवरात्रि का त्योहार शुरू होते ही विश्वविद्यालय में गरबा और डांडिया की धूम मच गई है। इस बार छात्रों और प्राध्यापकों ने मिलकर नवरात्रि का स्वागत धूमधाम से किया है। पूरे विश्वविद्यालय परिसर को सजाया गया है, जहां हर जगह रंग-बिरंगी रोशनी, रंगोली और नवरात्रि के गीतों की गूंज सुनाई दे रही है।
गरबा और डांडिया के आयोजन का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. बृजेन्द्र सिंह गौतम, मुख्य अतिथि डॉ. सुमित्रा सिंह एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. सोनाली सिंह ने दीप प्रज्जवलित कर किया। आयोजन के शुभारम्भ उपरान्त विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. बृजेन्द्र सिंह गौतम ने इस अवसर पर छात्रों को शुभकामनाएं दी और कहा कि नवरात्रि का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह त्योहार हमें एकता और भाईचारे का संदेश देता है। हम चाहते थे कि सभी छात्र नवरात्रि का त्योहार मिलकर मनाएं। इस कार्यक्रम के माध्यम से विश्वविद्यालय ने सभी को एक मंच पर लाने की कोशिश की है।
प्रत्येक वर्ष की भॉंति इस वर्ष भी विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक विभाग द्वारा गरबा और डांडिया का आयोजन नवरात्रि पर 8 व 9 अक्टूबर को किया गया, जहां छात्र-छात्राओं एवं प्राध्यापकों ने पारंपरिक परिधानों में सज-धजकर हिस्सा लिया। रंग-बिरंगी पोशाकें, चमकदार दुपट्टे और पारंपरिक गहनों में छात्र-छात्राओं के साथ-साथ प्राध्यापकों ने भी अपनी अलग ही छवि बनाई। डीजे की धुन पर छात्रों ने दिल खोलकर गरबा किया और उसके बाद डांडिया रास का आनंद उठाया। रंग-बिरंगे डांडिया स्टिक्स और मधुर संगीत ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस बार विभिन्न विभागों द्वारा अलग-अलग थीम तैयार की गई। दोनो दिनों अलग-अलग रंग-बिरंगी पोशाकों की थीम रही। इससे पूरा कार्यक्रम और भी आकर्षक रहा। छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ गरबा और डांडिया नृत्य का आनंद लिया।
विश्वविद्यालय में पढऩे वाले विद्यार्थियों का उत्साह देखने लायक रहा। उन्होंने इस अवसर को सामाजिकता और आनंद के रूप में मनाया, जिससे उनमें एकता की भावना मजबूत हुई। विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने स्वंय गरबा और डांडिया की प्रैक्टिस कर पूरे आयोजन को सफल बनाया। विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों और कर्मचारियों ने भी इस आयोजन में बढ़-चढ़कर भाग लिया। उन्होंने न केवल छात्रों का हौसला बढ़ाया, बल्कि उनके साथ गरबा और डांडिया में भी भाग लिया।
गरबा और डांडिया के अलावा विश्वविद्यालय में नवरात्रि के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व पर भी चर्चा की गई। कई विभागों ने इस अवसर पर विशेष व्याख्यान आयोजित किए, जिनमें नवरात्रि का महत्व, देवी की पूजा और इस पर्व से जुड़ी परंपराओं पर प्रकाश डाला गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी आवश्यक प्रोटोकॉल्स का पालन करवाया, ताकि सभी सुरक्षित रहें और त्योहार का आनंद ले सकें। इस प्रकार, नवरात्रि का यह पर्व विश्वविद्यालय में सिर्फ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं रहा, बल्कि छात्रों के लिए एक उत्सव बन गया है जो उनकी शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक मूल्यों को भी बढ़ावा देता है। गरबा और डांडिया के आयोजन का संचालन विश्वविद्यालय की सहायक प्राध्यापिका श्रीमती सुमेधा राय ने किया। इस अवसर पर सम्पूर्ण विश्वविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।