आयुर्वेद स्वस्थ जीवन शैली जीने की प्राकृतिक कला है: मुनि निर्लेप सागर महाराज
छतरपुर। आचार्य विद्यासागर महाराज के उत्तराधिकारी आचार्य समय सागर महाराज के मुनि संघ ने खजुराहो में विश्व आयुर्वेद दिवस पर विश्व के सभी प्राकृतिक चिकित्सा संस्थानों को आशीर्वाद एवं स्वस्थ जीवन हेतु आयुर्वेदिक शैली से संबंधित पूर्ण आयु, श्रमदान, प्रतिभास्थली, दयोदय गौशाला, प्रकल्पों की महत्वता पर अपने विचार व्यक्त किये। मतंगेश्वर सेवा समिति खजुराहो एवं दद्दा जी इंटरनेशनल कल्चर सेंटर के पंडित सुधीर शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद के सबसे प्रमुख वेदाचार्य कैलाश वासी श्री शिव शंकर महादेव है जिनकी कृपा से विश्व मैं आज प्रकृति का पूजन होता है।
आर्युवेद जिसका प्रमुख उद्देश्य मानव जीवन को निरोग रखना है। आर्युवेद मानव जीवन मे उत्पन्न त्रिदोष वात,पित्त, कफ़ के असंतुलन को जीवन के विकार मानता है और आहर एवं औषधि के माध्यम से इन दोषों को जड़ से खत्म करता है।
आधुनिक भारत योग और आर्युवेद को अपना रहा है
इसी क्रम में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आयुर्वेद को बढ़ावा देते हुए आयुष मंत्रालय द्वारा 2016 में, भगवान धन्वंतरि की जयंती को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में घोषित किया तथा पहला आयुर्वेद दिवस 29 अक्टूबर 2016 को मनाया गया जिसे राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में भी जाना जाता है तब से, हर साल भारत और दुनिया भर के लोग चिकित्सा के देवता धन्वंतरि के जन्मदिन को धनतेरस के साथ साथ आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मानते हैं। इस वर्ष 9वां आयुर्वेद दिवस विश्व के 153 देशों में मनाया गया। जैन मंदिर अतिशय क्षेत्र के महामंत्री राकेश जैन ने बताया कि आज का दिन जैन धर्म का अनमोल दिन है जब 24वे तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी ने संवशरण रूपी लक्ष्मी का त्याग कर योग धारण किया था इसीलिए आज का दिन धन्य तेरस एक दिव्य त्याग के पर्व के रूप में मनाया जाता है। उपस्थित सभी आयुर्वेद विशेषज्ञों ने बुंदेलखंड के डॉ चंद्रशेखर तिवारी महोबा, डॉ तन्मय गोस्वामी गोवेर्धन, डॉ अयोध्या प्रसाद गुप्ता राजनगर, डॉ माखन वेदराज भोपाल, डॉ अंकुर भटनागर खजुराहो सभी के द्वारा प्राचीन पद्धति से निर्मित औषधियों की सराहना की।