टीकमगढ़। शहर में तीन दिवसीय मेरे राम सत्संग कार्यक्रम चल रहा है। शुक्रवार को सत्संग के मुख्य वक्ता ब्रह्मरूपी महाराज ने आध्यात्मिक विषयों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जो संत एक धर्म को बढ़ाने की बात कहे, वह आतंकवाद की श्रेणी में है। क्योंकि उसने जीव में ईश्वर का रूप देखा ही नहीं।
टीकमगढ़ धर्म में बढ़ते चमत्कार के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसे लोग धर्म को गलत दिशा में ले जा रहे हैं। साधु संतों का काम समाज में भेदभाव मिटा कर प्रेम और आध्यात्मिक विषयों का विस्तार करना है। हिंदू राष्ट्र के सवाल पर उन्होंने कहा कि विश्व में पाकिस्तान अफगानिस्तान सहित कई ऐसे देश हैं, जो मुस्लिम राष्ट्र घोषित हैं, लेकिन क्या ऐसे देशों में शांति और सद्भाव का वातावरण है।
हिंदू राष्ट्र की बात राजनीति से प्रेरित होकर की जा रही है। गोवंश की दुर्दशा पर ब्रह्म रूपी महाराज ने कहा कि गोचर भूमि पर लोगों ने कब्जा कर लिया है। जिससे गोवंश सड़क पर घूम रहा है। लोगों को आज इस बात का डर नहीं है कि आज वे जैसा कर्म करेंगे, उसका परिणाम उन्हें आगे भोगना पडेगा। अतिवृष्टि और अल्प वर्षा इसी का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि लोगों को चमत्कार जैसी चीजों को बढ़ावा देने वाले साधु संतों को ज्यादा प्रचारित नहीं करना चाहिए। भगवान श्री कृष्णा और श्री राम ने कर्म के आधार पर फल भोगने का संदेश दिया है। इसलिए लोगों को प्रेम और सद्भाव के साथ अच्छे कर्म करने के लिए प्रेरित होने की जरूरत है। सामाजिक सद्भाव, प्रेम और आध्यात्मिक विकास के कारण ही देश समृद्ध और खुशहाल बनेगा।