छतरपुर। दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने से कई लाभ होते हैं, जो दुर्घटना की स्थिति में वाहन सवारों को सुरक्षित रहने में मदद कर सकते हैं। हेलमेट का प्राथमिक कार्य दुर्घटना की स्थिति में सवार के सिर और मस्तिष्क को चोट से बचाना है।
पुलिस अधीक्षक अगम जैन द्वारा नवाचार करते हुए जिला मुख्यालय में छत्रसाल चौराहा स्थित हेलमेट बैंक सेवा का फीता काटकर शुभारंभ किया गया। भारतीय स्टेट बैंक एवं नगर के व्यापारी संघ व वरिष्ठ गणमान्य नागरिकों के सहयोग से हेलमेट बैंक सेवा शुरू की गई है। जन सहयोग से भारतीय स्टेट बैंक इस सेवा में अपनी भागीदारी की है। इस सेवा का मुख्य उद्देश्य यह है कि दो पहिया वाहन चालक घर से लोकल में किसी काम से निकलता है और वह हेलमेट भूल जाता है, उसे अन्य स्थानों पर जाना होता है तो वह घर वापस न जाकर समय की बचत करते हुए हेलमेट बैंक सेवा से हेलमेट आसानी से प्राप्त करें और कार्य पूर्ण होने पर वापस आते समय हेलमेट 24 घंटे के अंदर जमा कर दें।
हेलमेट प्राप्त करने एवं जमा करने की प्रक्रिया बहुत सरल है। यह सुविधा प्रात: 9 बजे से रात्रि 9 बजे तक उपलब्ध रहेगी। दो पहिया वाहन चालक अपना पहचान पत्र दिखाकर, मोबाइल नंबर एवं वाहन नंबर रजिस्टर में प्रविष्ट करवाते हुए आसानी से हेलमेट प्राप्त कर सकते हैं। प्राय: वाहन चेकिंग में देखने में यह आता है कि हेलमेट धारण न करने वाले वाहन चालक अनावश्यक बहाना बनाते हैं, इन सभी हेलमेट न पहनने वाले तथाकथित वाहन चालकों व सड़क दुर्घटनाओं से बचाव हेतु वाहन चालकों को हेलमेट उपलब्ध करवाने हेतु सुविधा प्रदाय की जा रही है। इस सेवा का एक उद्देश्य यह भी है की सड़क दुर्घटना में हो रही मृत्यु के आंकड़ों में कमी आएगी। सड़क दुर्घटना में ज्यादातर दो पहिया वाहन चालकों एवं सवार की मृत्यु हेलमेट के कारण ही होती है।
यातायात नियमों के पालन के प्रति लोग अधिक जागरूक होंगे
कार्यक्रम के शुभारंभ में ही 35 से अधिक हेलमेट दो पहिया वाहन चालकों को प्रदान किए गए। हेलमेट प्रदान करते समय पूरी प्रक्रिया यातायात प्रभारी निरीक्षक बृहस्पति साकेत द्वारा बताई गई। हेलमेट बैंक सेवा में उपलब्ध सभी हेलमेट भारतीय मानक संस्थान आईएसआई मार्क द्वारा प्रमाणित हैं।