भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार प्रकृति और प्रगति के संतुलन को साकार करने की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि चीता पुनर्वास परियोजना के तहत कल 20 अप्रैल को मंदसौर के गांधीसागर अभ्यारण्य में चीतों को छोड़ा जाएगा। यह कदम श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चल रही सफल परियोजना का विस्तार है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में फल-फूल रही है।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को बताया कि केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव के साथ चीता परियोजना की समीक्षा के दौरान यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा, भारत और एशिया से लगभग विलुप्त हो चुके चीतों को पुनर्जनन देना हमारा संकल्प है। गांधीसागर अभ्यारण्य में चीतों का पुनर्वास न केवल वन्यजीव संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर है, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक नया आकर्षण होगा।

कूनो से गांधीसागर तक: चीता परियोजना का विस्तार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कूनो नेशनल पार्क में चीतों के पुनर्वास की सफलता के बाद अब गांधीसागर अभ्यारण्य को इस परियोजना का अगला केंद्र बनाया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कूनो में पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाओं के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए, जिन्हें राज्य सरकार लागू करेगी। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा कि इस परियोजना से मध्यप्रदेश वन्यजीव पर्यटन के वैश्विक मानचित्र पर और मजबूती से उभरेगा।

पर्यटन और संरक्षण का संगम
20 अप्रैल को गांधीसागर अभ्यारण्य में चीतों की रिहाई के साथ मध्यप्रदेश वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के लिए एक नया अध्याय शुरू करेगा। यह परियोजना न केवल प्रकृति संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।