झूठी एफआईआर निरस्त नहीं हुई तो करेंगे आमरण अनशन
छतरपुर। जिले के अतिथि शिक्षकों ने सोमवार को अपनी मांगों एवं गांधी जयंती के दिन भोपाल में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं मुख्य न्यायाधीश जबलपुर को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा है।
ज्ञापन में माध्यम से जिलाध्यक्ष रामअवतार कुशवाहा ने कहा कि अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करने हेतु 2 सितम्बर को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महापंचायत में अनेक घोषणाएं की थीं। उन्होंने कहा था कि कार्यानुभव और वरिष्ठता के आधार पर गुरूजियों की तर्ज पर विभागीय परीक्षा, वार्षिक अनुबंध, सीधी भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण और बोनस अंक देकर नियमित करने की घोषणा की थी। किन्तु एक वर्ष बाद आज दिनांक तक आदेश जारी नहीं हुए। अतिथि शिक्षकों ने कहा कि आदेश जारी कराने कई बार शासन-प्रशासन को ज्ञापन दे चुके हैं इसके बाद भी आदेश जारी नहंी हुए हैं। 11 सितम्बर को भोपाल में एकत्रित हुए अतिथि शिक्षकों के प्रतिनिधिमण्डल के साथ प्रशासन ने बैठक की थी जिसमें कुछ तात्कालिक मांगों पर सहमति बनी थी उसके बाद भी आदेश जारी नहीं हुए। 2 अक्टूबर को प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक भोपाल के तुलसीनगर अम्बेडकर पार्क में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे जहां पुलिस ने रात्रि लगभग 8 बजे लाइट बंद करके बिना किसी चेतावनी के अभद्र व्यवहार करते हुए लाठीचार्ज कर दिया। जिसमें कई अतिथि शिक्षकों को चोटें आयीं थीं तथा प्रदेशाध्यक्ष केसी पवार, प्रदेश महासचिव संतोष कहार, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बीएम खान, प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश जोशी सहित अन्य 250 अतिथि शिक्षकों पर झूठी एफआईआर दर्ज की गई है।
अतिथि शिक्षकों ने ज्ञापन देकर प्रदेश पदाधिकारियों सहित 250 अन्य अतिथि शिक्षकों पर हुई झूठी एफआईआर निरस्त करने, पुलिस प्रशासन पर उचित कार्यवाही करने की मांग की है। वहीं अतिथि शिक्षकों का कहना है कि यदि एक सप्ताह के अंदर प्रदेश पदाधिकारियों के ऊपर दर्ज हुई झूठी एफआईआर निरस्त नहीं की जाती तो मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षक आमरण अनशन और जेल भरो आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।