रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार राज्य के सभी जिलों में जल संरक्षण एवं संवर्धन के विशेष प्रयास किए जा रहें हैं। इस तारतम्य में सुरजपूर जिले मे  कलेक्टर एस. जयवर्धन के मार्गदर्शन में जिले में जल संरक्षण और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक अनुकरणीय पहल के रूप में गोडकटवा नरवा का संवर्धन कार्य संपन्न हुआ। जनपद पंचायत प्रतापपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत चंदौरा, दरहोरा, देवरी, पकनी एवं सेमई में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत यह कार्य 58.81 लाख रुपये की स्वीकृत लागत से पूर्ण किया गया।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू  ने बताया  कि गोडकटवा नाला, जो कि एक बारहमासी जल स्रोत है, अब ग्रामीणों के लिए केवल जल का स्रोत नहीं, बल्कि आजीविका और समृद्धि का साधन बन चुका है। जल संरक्षण की दिशा में किए गए इस कार्य के अंतर्गत ब्रशवुड, मिट्टी बांध, गली प्लग और बोल्डर चेक डैम जैसे कुल 64 संरचनात्मक कार्यों में 285 स्थायी स्ट्रक्चर का निर्माण किया गया। इस सम्पूर्ण कार्य में ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी, श्रमदान एवं मेहनत का विशेष योगदान रहा है।

उन्होंने बताया कि इस परियोजना के क्रियान्वयन से चंदौरा से लेकर सेमई तक के किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है। इससे लगभग 50 एकड़ से अधिक क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हुई है, कृषकों को रबी एवं खरीफ दोनों मौसमों में अच्छी फसल प्राप्त हो रही है। इतना ही नहीं, अब किसान गर्मियों में भी गेहूं, उड़द, तथा हरी सब्जियों की खेती कर रहे हैं। इससे न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई है, बल्कि बाजार पर निर्भरता घटने से परिवारों को आर्थिक बचत भी हो रही है।

गोडकटवा नाला के संवर्धन से  जल स्तर अब इतना बढ़ गया है कि स्थानीय कृषकों ने उसमें मछली पालन की शुरुआत भी कर दी है। इससे ग्रामीणों को अतिरिक्त आमदनी का एक नया स्रोत प्राप्त हुआ है। एक किसान ने बताया कि धान फसल के समय जब सिंचाई जल की अत्यधिक आवश्यकता होती है, तब गोडकटवा नरवा उनके फसलों के लिए जीवनदायिनी के रूप में है। जल की समुचित व्यवस्था के चलते अब फसलें अधिक स्वस्थ, हरी-भरी होने से उत्पादन मे वृद्धि हो रही हैं। फसल खराब नहीं हो रही है।

मनरेगा के तहत हुए इस कार्य से न केवल जल संसाधनों का विकास हुआ है, बल्कि बड़ी संख्या में ग्रामीणों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं। इससे ग्रामवासियों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और उनके जीवन स्तर में सकारात्मक परिवर्तन देखा गया है।

इस परियोजना ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि सही दिशा-निर्देशन, समुदायिक की सहभागिता और योजनाबद्ध क्रियान्वयन हो, तो जल संरक्षण के माध्यम से ग्रामीण जीवन में समृद्धि लाई जा सकती है। गोडकटवा नाला का यह विकास कार्य अब संपूर्ण जिले में जल प्रबंधन और ग्रामीण पुनरुत्थान का एक अनुकरणीय मॉडल बन चुका है।