फारूक अब्दुल्ला ने बिना नाम लिए कांग्रेस के नामदारों को खरी खोटी सुनाई
जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस गुटबाजी पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने खुलकर विचार साझा किए. सोच व्यापक रखने का मंत्र दिया.उन्होंने कहा कि देश को आज प्यार और आपसी भाईचारे से रहने की जरूरत है. शनिवार को इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने के लिए वो जयपुर पहुंचे थे. उनके साथ मंच पर सलमान खुर्शीद भी दिखे.
पढ़ाया संगठित होने का पाठ- फारूक अब्दुल्ला ने महत्वाकांक्षाओं को दरकिनार कर एकजुट होकर काम करने की सलाह दी. बोले- आज का वक्त यह नहीं कि कोई एमपी या विधायक बनना चाहें.आज की जरूरत संगठित होकर काम करने की है. फारूक अब्दुल्ला के इस बयान को पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच चल रही अदावत से जोड़ कर देखा जा रहा है, फारूक अब्दुल्ला सचिन पायलट के ससुर हैं.
निडर होने की सलाह- फारूक अब्दुल्ला ने इमानदार होने की नसीहत दी. किसी मोटिवेशनल स्पीकर की तर्ज पर खुद को शक्ति सम्पन्न कैसे बनाएं इसको लेकर भी विचार रखे. कहा-पहले तो हम अपना इमान मजबूत कर लें, अपने आप को मजबूत करें, किसी से डरने की जरूरत नहीं है. इज्जत देने वाला वो है और जिल्लत देने वाला भी वही है. अब्दुल्ला ने कहा कि मौत को कोई रोक नहीं सकता फिर चाहें कोई कितना बड़ा बादशाह हो इसलिए आपस में प्यार का व्यवहार रखना चाहिए.
राजस्थान में दो की जंग- फारूक अब्दुल्ला ने राजस्थान कांग्रेस में मची उथल पुथल का भी जिक्र किया. बिना किसी का नाम लिए जम कर हमला किया. बोले- यहां क्या हो रहा है सब देख रहे हैं किस तरह के हालत बने हुए है. कोई वजीर ए आला तो कोई वजीर एआजम बनना चाहता है लेकिन पहले अपने आप को कुर्बान करने की सोच रखनी होगी. हालांकि इसके बाद फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि इंसान हैं उसके अपने ख्वाब होते हैं. इसके बाद अब्दुल्ला ने कहा कि राजस्थान में दो की जंग है. यह भी सोचने वाली बात है कि अगर कोई गुरुर में आ जाए कि उससे बड़ा कोई नहीं है तब समझ लो कि आपका अंत आ रहा है. जब इंसान में घमंड आ जाता है तो वह डूब जाता है.