गौशाला बनी सरपंच के कमाई का जरिया
टीकमगढ़। जिले की 40 ग्राम पंचायतों में शासन ने गौशालाओं का निर्माण करवाया है, जो रजिस्टर्ड होकर संचालित हो रही है, जहां आवारा गोवंश को रखकर उन्हें संरक्षित किया जाए। जहां सरकार से गोवंश के भूसा के लिए 20 रूपए प्रति गोवंश के हिसाब से राशि भी आवंटित की जा रही है लेकिन ग्राम पंचायतो में संचालित गौशालाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ रही है। जिसका उदाहरण ग्राम पंचायत बौरी के ग्राम हनुमान सागर में बनी गौशाला में देखने को मिला है। शासन द्वारा अपने रिकॉर्ड में 124 गोवंश गौशाला में दर्ज किए गए हैं और उनकी राशि भी दी जा रही है लेकिन जब मौके पर जाकर देखा गया तो वहां स्थिति कुछ और ही निकली। यहां 124 गोवंश की जगह केवल 50 गोवंश गौशाला में मौजूद थे, बाकी गोवंश को गौशाला से बाहर निकाल दिया गया है साथ ही गोवंश को खाने के लिए केवल मात्र एक ट्राली भूसा ही रखा हुआ है जबकि ग्राम पंचायत की सरपंच के द्वारा हाल ही में 26 बड़ी ट्राली भूसा खरीदने के बिल लगाकर राशि का आहरण कर लिया है और गोवंश को दिए जाने वाले दाने (प्रोटीन) का भी कोई पता नही है। यहां रहने वाले गौवंश के टीनशेड में गंदगी का अंबार लगा रहता है, जिससे गौवंश की असमय बीमार होकर मौते हो रही हैं।