सरकार उठा सकती है बड़ा कदम....
केंद्रीय मंत्रिमंडल जल्द देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस के मूल्य की सीमा तय करने पर विचार करेगा. इस कदम का मकसद सीएनजी से लेकर उर्वरक कंपनियों के लिए उत्पादन की लागत को कम करना है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सरकार एक साल में दो बार स्थानीय रूप से उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमतें तय करती है- जिसे वाहनों में उपयोग के लिए सीएनजी में और रसोई में इस्तेमाल के लिए पाइप वाली गैस (पीएनजी) में बदला जाता है. इसके अलावा गैस का इस्तेमाल बिजली और उर्वरक उत्पादन में भी होता है.
गैस की कीमत
घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस के भुगतान के लिए दो फॉर्मूला हैं. इनमें एक ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) और ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) जैसी राष्ट्रीय पेट्रोलियम कंपनियों के पुराने क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिए भुगतान का फॉर्मूला और दूसरा गहरे समुद्र के नए क्षेत्रों से उत्पादित गैस के भुगतान का फॉर्मूला है.
कीमतों में तेजी
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वैश्विक स्तर पर ऊर्जा की कीमतों में उछाल ने स्थानीय रूप से उत्पादित गैस की दरों को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया है. विरासत वाले या पुराने क्षेत्रों से गैस के लिए 8.57 अमेरिकी डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) और कठिन क्षेत्रों से गैस के लिए 12.46 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की दर तय है. इन दरों में एक अप्रैल को संशोधन होना है.
हो सकते हैं बदलाव
मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने कहा कि मौजूदा फॉर्मूले के अनुसार, पुराने क्षेत्रों से गैस की कीमतें बढ़कर 10.7 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू तक पहुंच सकती हैं. मुश्किल क्षेत्र की गैस के दाम में मामूली बदलाव होगा. गैस कीमतों में पिछले संशोधन के बाद सीएनजी और पीएनजी के दाम 70 प्रतिशत तक चढ़ चुके हैं. यदि एक अप्रैल से दरों में संशोधन होता है तो इसमें और बढ़ोतरी होगी.
गैस की कीमतों में संशोधन
सूत्रों ने कहा कि सरकार ने पिछले साल किरीट पारिख की अध्यक्षता में गैस की कीमतों में संशोधन पर एक समिति गठित की थी जो स्थानीय उपभोक्ता और उत्पादक दोनों हितों को संतुलित करती है और साथ ही देश को गैस आधारित अर्थव्यवस्था बनने के उद्देश्य को आगे बढ़ाती है. समिति ने अपनी सिफारिशों में पुराने क्षेत्रों से निश्चित अवधि के लिए गैस के दाम में बदलाव मौजूदा ब्रेंट कच्चे तेल के दाम का 10 प्रतिशत करने को कहा है. अभी तक यह गैस अधिशेष वाले देशों की कीमतों के आधार पर किया जाता था.
तेल की कीमत
सूत्रों ने कहा कि हालांकि यह चार डॉलर प्रति इकाई के न्यूनतम मूल्य और 6.50 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की सीमा के तहत होगा. मौजूदा ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत 75 डॉलर प्रति बैरल है. ऐसे में गैस की कीमत 7.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू होनी चाहिए, लेकिन सीमा के कारण ईंधन की कीमत केवल 6.5 डॉलर होगी. समिति ने कठिन क्षेत्रों के लिए फॉर्मूला में कोई बदलाव नहीं करने का सुझाव दिया है..