सतना। सार्वजनिक परिसर और सडकों को स्वच्छ बनाए रखने के लिए नगर निगम और रेलवे द्वारा हर माह लाखों रूपए खर्च किए जा रहे है। इसके बावजूद भी लोगों को सडांध भरी गंदगी का सामना करना पड रहा है। इस बात की जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों को होने के बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसका खामियाजा रेल यात्रियों व राहगीरों को भुगतना पड रहा है। स्टेशन रोड के व्यापारी महामाया के बगल में और अंधेरी पुलिया के पास रोड के किनारें कचरा फेंक देते हैं, जिसकी सफाई न तो नगर निगम कराता है और न ही रेलवे के द्वारा नियमित सफाई कराई जा रही है, जिस कारण से गंदगी फैली रहती है। जब कोई रेलवे के अधिकारियों का आवागमन होता है, तभी सफाई कराई जाती है, इसके बाद ध्यान नहीं दिया जाता है। 16 दिसंबर से चलने वाले स्वच्छता पखवाडा में सार्वजनिक स्थलों की साफ-सफाई करने के साथ लोगों को गंदगी फैलाने से रोकने के लिए जागरूक भी करना है। लेकिन जनप्रतिनिधि और अधिकारी-कर्मचारी झाडू लगाने की फोटो खिंचवाते है। अगर ये जिम्मेदार लोग झाडू लगाने की बजाय प्रतिदिन सफाई की मॉनीटरिंग ही करें तो सार्वजनिक स्थलों की तस्वीर बदल जाए। मगर ऐसा नहीं करते हैं, वह केवल एक दिन का अभियान चलाकर खानापूर्ति करते हैं। वहीं सफाई से निकलने वाले कचरे को व्यवस्थित कर दिया जाए तो लोगों को गंदगी का सामना नहीं करना पडे।