लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीट पर वोटिंग हो रही है. इसमें महाराष्ट्र की 13, उत्तर प्रदेश की 14, पश्चिम बंगाल की सात, बिहार की पांच, झारखंड की तीन, ओडिशा की पांच, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की एक-एक सीट पर मतदान हो रहा है. सात चरण में होने वाले आम चुनावों में इस चरण में सबसे कम 49 सीट पर मतदान हो रहा है, लेकिन कई सीटें ऐसी हैं, जिनपर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं. इनमें सबसे हॉट सीट अमेठी और रायबरेली है. अमेठी सीट पर 2019 में 54.05 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. वहीं, रायबरेली लोकसभा सीट पर 2019 में 56.31 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस बार इन दोनों सीटों पर कितनी हो रही वोटिंग, कैसा है वोटिंग ट्रेंड, आइए आपको बताते हैं...

रायबरेली और अमेठी में वोटिंग प्रतिशत

लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश में 14 सीट पर सोमवार को 3 बजे तक 47.6 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. निर्वाचन आयोग के अनुसार, 3 बजे तक अमेठी में 45.13.20 प्रतिशत, बांदा में 48..08 प्रतिशत, बाराबंकी में 55.35 प्रतिशत, फैजाबाद में 48.66 प्रतिशत, फतेहपुर में 47.25.54 प्रतिशत, गोंडा में 43.23 प्रतिशत, हमीरपुर में 48.87 प्रतिशत, जालौन में 46.22 प्रतिशत, झांसी में 52.52 प्रतिशत, कैसरगंज में 46.01 प्रतिशत, कौशांबी में 43.01 प्रतिशत, लखनऊ में 41.90 प्रतिशत, मोहनलालगंज में 51.08 प्रतिशत और रायबरेली में 47.83 प्रतिशत मतदान हुआ.

रायबरेली... कांग्रेस का अभेद्य किला...!

राहुल गांधी इस बार केरल की वायनाड लोकसभा सीट के साथ-साथ रायबरेली लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं. रायबरेली नेहरू-गांधी परिवार का गढ़ रहा है. चर्चा में रहने वाले इस लोकसभा क्षेत्र में हो रही हर राजनीतिक चर्चा गांधी नाम के जिक्र के बिना अधूरी है. कांग्रेस के वर्चस्व का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि वह आजादी के बाद से केवल तीन बार - 1977, 1996 और 1998 में रायबरेली हारी है. सोनिया गांधी ने 2004 से लगातार चार बार इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और अब उन्होंने अपने बेटे राहुल गांधी को कमान सौंप दी है. यहां भाजपा ने दिनेश प्रताप सिंह को राहुल गांधी के सामने चुनावी मैदान में उतारा है. 

प्रियंका गांधी ने वास्तव में रायबरेली और पास के अमेठी दोनों में एक जोरदार प्रचार अभियान चलाया. अमेठी में गांधी परिवार के सहयोगी किशोरीलाल शर्मा भाजपा की कद्दावर मंत्री स्मृति ईरानी का मुकाबला कर रहे हैं. राम मंदिर, मोदी का नाम, सरकार की मुफ्त राशन योजना, गरीबों के लिए पक्के मकान, आवारा पशु और भाजपा के सत्ता में आने पर संविधान बदलने के कांग्रेस के आरोप चुनाव में चर्चा का विषय हैं, लेकिन गांधी परिवार इने सब पर हावी नजर आता है.