दिल्ली में नकली दवाओं के अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़
नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम को गुरुवार को बड़ी कामयाबी हाथ लगी। क्राइम ब्रांच ने कैंसर और शुगर की नकली दवा बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए सीरियाई नागरिक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस की पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ कि कैंसर और शुगर की बीमारी में इस्तेमाल होने वाली नकली दवा बनाने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह से सभी आरोपियों के संबंध हैं। दिल्ली पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीरियाई नागरिक मोनिर अहमद (54) तुर्की, मिस्र और भारत में दवाओं की आपूर्ति करता था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों की पहचान नवीन आर्य (40), सौरभ गर्ग (34) और करण खानेजा (27) के रूप में हुई है। दिल्ली पुलिस साइबर सेल और क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि दिल्ली एनसीआर में कुछ दवा विक्रेता व थोक विक्रेता अवैध रूप से नकली और अपंजीकृत जीवन रक्षक दवाएं बेच रहे हैं। पुलिस ने करोड़ों रुपये की कैंसर और मधुमेह में इस्तेमाल होने वाली कई अंतरराष्ट्रीय ब्रांड लाइफ सेविंग्स की दवाइयां जब्त की। पुलिस उपायुक्त क्राइम राकेश पावरिया ने कहा, पुलिस टीम ने भागीरथ पैलेस स्थित श्री राम इंटरनेशनल ट्रेडर्स पर छापा मारा, जहां बिक्री और सप्लाई के लिए विभिन्न आयातित दवाओं के साथ-साथ अन्य व्यापारिक स्टॉक मिला, जिसकी कीमत लगभग 1.5 करोड़ रुपये थी। उन्होंने कहा कि क्राइम ब्रांच की टीम ने फर्जी स्टॉक को जब्त कर लिया। दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम को कार्रवाई के दौरान पता चला कि दुकान का मालिक आर्य नकली और अपंजीकृत जीवन रक्षक दवाएं बेच रहा था। इसके बाद दरियागंज स्थित एक अलग दवा विक्रेता टेरी व्हाइट लाइफ केयर पर एक और छापेमारी की। डीसीपी ने बताया कि दुकान की तलाशी के दौरान बिक्री और वितरण के उद्देश्य से विभिन्न आयातित बड़ी दवाओं के संदिग्ध स्टॉक के साथ-साथ लगभग 2.5 करोड़ रुपये मूल्य की अन्य दवाइयां पाई गईं। टेरी व्हाइट लाइफ केयर भी अवैध रूप से नकली और अपंजीकृत जीवन रक्षक दवाएं बेच रहा था। जांच के दौरान पता चला कि यह गिरोह विदेशी नागरिकों की मिलीभगत से चल रहा है। डीसीपी ने बताया कि सीरिया का एक विदेशी नागरिक नकली दवाओं की डील के लिए दिल्ली आ रहा है। 14 मई को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जाल बिछाया गया और मोनिर अहमद को पकड़ लिया गया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह तुर्की, मिस्र की दवाओं को भारत में और भारत की दवाओं को तुर्की और मिस्र के बाजार में आपूर्ति करता था।