छतरपुर। लगता है कि छतरपुर नकली ब्रांड बनाने की मंडी बन चुकी है अभी तक नकली घी, तेल सहित खाद्यान्न सामग्री बनाने के मामले सामने आते रहे हैं अब नकली पाईप बनाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है जिससे यह स्पष्ट होता है कि छतरपुर नकली ब्रांड बनाने की मंडी बन  चुकी है। छतरपुर स्थित नारायणपुरा रोड में कृष्णा इण्डस्ट्रीज जहां डुप्लीकेट पाईप बनाए जाते थे उसे सील कर दिया गया है यह कार्यवाही दिल्ली की एक अदालत के आदेश पर वहां से आयी टीम द्वारा की गई है। 
क्या है मामला
मिली जानकारी के अनुसार देश में किसान, लक्ष्मी जिंदल नाम से पाईप बनाने की रजिस्टर्ड फैक्ट्रियां हैं लेकिन छतरपुर में एटीएस किसान, एटीएम लक्ष्मी एवं एटीएस जिंदल के नाम से सीमा गुप्ता के नाम से संचालित कृष्णा इण्डस्ट्रीज द्वारा पाईप का निर्माण कराया जाता है। ब्रांड के दुरूपयोग किए जाने की शिकायत वर्ष 2021 से किसान पाईप कंपनी द्वारा की जा रही थी जिस पर दिल्ली कोर्ट के आदेश पर फैक्ट्री को सील किया गया है अब देखना यह है कि इस मामले में आगे क्या कार्यवाही होती है। 
दिल्ली से आयी हे पांच सदस्यीय टीम
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली से नवकार एसेसिएट से अधिवक्ता नमृता जैन एवं विजय सोनी के नेतृत्व में छै: सदस्यीय टीम छतरपुर आयी है जिसने कृष्णा इण्डस्ट्रीज को सील कर दस्तावेज हासिल किए हैं। इस कार्यवाही के दौरान एसडीएम, तहसीलदार, आरआई, पटवारी सहित ओरछा रोड थाने का पुलिस बल भी मौजूद रहा। 
टीम ने प्रशासन को नहीं दी जानकारी
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली कोर्ट के आदेश पर आयी पांच सदस्यीय टीम ने फैक्ट्री जाने से पहले प्रशासन को सूचना नहीं दी थी जिस कारण एसडीएम, तहसीलदार मौके पर जाने के बाद वापिस लौट गए हालांकि टीम ने अपनी पूरी कार्यवाही कर दी है।
कम्पनियों के डीलर भी बेचते हैं नकली ब्रांड
सूत्रों ने बताया कि छतरपुर में जो बड़ी-बड़ी कम्पनियों के अधिकृत डीलर हैं वह भी नकली ब्रांड बेचते हैं इसकी वजह यह है कि असली माल बेचने से उन्हें कम मुनाफा होता है जबकि नकली बेचने से ज्यादा कमाई होती है। यही कारण है कि छतरपुर में खाने-पीने के सामान के साथ-साथ दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली हर वस्तु का डुप्लीकेट ब्रांड मिल जाता है। पूर्व में प्रशासन द्वारा डुप्लीकेट ब्रांड पकड़े भी गए हैं लेकिन उस पर अंकुश नहीं लग सका है। 
कैसे बनाया जाता है डुप्लीकेट सामान
सूत्रों ने बताया कि छतरपुर में ब्रांड बनाने का रजिस्ट्रेशन कराया जाता है फिर उसकी आड़ में डुप्लीकेट ब्रांड तैयार किए जाते हैं जैसे किसान पाईप की जगह एटीएस किसान, लक्ष्मी की जगह एटीएस लक्ष्मी तथा जिंदल की जगह एटीएस जिंदल के नाम से छतरपुर में पाईप तैयार किए जा रहे थे। असली एवं डुप्टलीकेट ब्रांड में सिर्फ एटीएस का ही फर्क है। नासमझ उपभोक्ता डुप्लीकेट सामान बनाने वालों की इस चतुराई को समझ नहीं पाता और वह उनका शिकार बन जाता है इस समय किसानों को पाईपों की जरूरत है यही कारण है कि नवकार एसोसिएट नाम की दिल्ली की पाईप बनाने वाली फर्म द्वारा यह कार्यवाही कराई गई है। 
फैक्ट्री संचालक दर्ज कराएंगे एफआईआर
उधर सील हुई फर्म के संचालक जानकी गुप्ता का कहना है कि उनकी फर्म एटीएस किसान के नाम से रजिस्टर्ड है जिसका रजिस्ट्रेशन भारत सरकार द्वारा किया गया है। मैंने टीम को दस्तावेज भी दिखाए लेकिन उन्होंने मेरे दस्तावेजों को नहीं माना। उन्होंने यह भी कहा कि उनका ब्रांड अलग है और मेरा ब्रांड अलग है हमारे मोनो भी उनसे अलग हैं। फिर भी उन्होंने हमारी फैक्ट्री को सील किया है जिसके विरूद्ध हम एफआईआर दर्ज कराएंगे।