कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को ट्विटर पर ब्लॉक कर दिया है और राजभवन पर सबको ‘बंधुआ मजदूर’ की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। वहीं राज्यपाल ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख को व्हाट्सऐप पर संदेश भेजकर लोकतंत्र में ‘संवाद और सद्भाव’ की अहमियत पर जोर दिया। 
बंगाल की टीएमसी सरकार और राज्यपाल के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है, जो तब निचले स्तर पर पहुंच गया जब बनर्जी ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि उन्होंने धनखड़ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को ब्लॉक कर दिया है, क्योंकि वह अपनी पोस्ट के जरिए उनकी सरकार को बार-बार निशाना बनाते हैं। मुख्यमंत्री ने राजभवन से जासूसी स्पाइवेयर पेगासेस का इस्तेमाल किए जाने का भी आरोप लगाया।
बनर्जी ने धनखड़ पर मुख्य सचिव और राज्य के पुलिस प्रमुख जैसे वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को धमकाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि राज्यपाल भाजपा के ‘गुंडों’ का समर्थन करते हैं जो बंगाल में लोगों की हत्या में शामिल हैं। धनखड़ ने राज्य के प्रशासन और कानून के प्रस्तावों से संबंधित जानकारी प्रस्तुत करने के लिए मुख्यमंत्री को उनके संवैधानिक कर्तव्य की याद दिलाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 167 का जिक्र करते हुए पलटवार किया। बनर्जी ने कहा, “मैंने राज्यपालको अपने ट्विटर अकाउंट से ब्लॉक कर दिया है। मेरे पास कोई विकल्प नहीं था। मुझे इस बात का खेद है। मैंने उन्हें ब्लॉक किया है क्योंकि मैं राज्यपाल के ट्वीट रोज़ाना देखकर चिढ़ जाती थी। अपने ट्वीट में वह जिस तरह से बोलते थे वो मानवीय नहीं है। वह हर दिन ट्वीट करेंगे, अधिकारियों को गाली देंगे और मुझे भी कभी-कभी गाली देंगे और आरोप लगाएंगे। वह इन चीजों को अपमानजनक, अनैतिक और असंवैधानिक तरीके से बोलकर करते हैं।