यमुना प्राधिकरण अधिसूचित गांवों में कौशल विकास केंद्र स्थापित करेगा। मास्टर प्लान एक में शामिल 96 गांवों में पहले चरण में कौशल विकास केंद्र शुरू होंगे। इन केंद्रों में स्थानीय युवाओं को रोजगार परक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

प्रशिक्षण की जिम्मेदारी प्राधिकरण क्षेत्र में स्थापित होने वाली औद्योगिक इकाईयों पर होगी। अपने जरूरत के अनुरूप प्रशिक्षण देकर युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करेंगे। युवाओं को चयन नक्शा 11 के आधार पर होगा।

गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 171 गांव मास्टर प्लान में शामिल

यमुना प्राधिकरण में गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा व आगरा जिले के 1149 गांव अधिसूचित हैं। फेज एक में गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 171 गांव मास्टर प्लान में शामिल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक प्राधिकरण ने 96 गांवों की जमीन को ही अधिगृहीत किया है।

किसान संगठन जमीन अधिग्रहण से प्रभावित गांवों में युवाओं के लिए रोजगार की मांग उठाते हैं। प्राधिकरण ने स्थानीय युवाओं को चालीस प्रतिशत आरक्षण की नियम लागू कर दिया है। कंपनी को औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए आवंटित भूखंड की लीजडीड की शर्त में इसे शामिल किया जा चुका है। लेकिन सबसे बड़ी चुनौती स्थानीय युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने की है।

इसके लिए यमुना प्राधिकरण ने कौशल विकास केंद्र स्थापित करने का फैसला किया है। यीडा सीईओ डा. अरुणवीर सिंह का कहना है कि सभी 96 गांवों में कौशल विकास केंद्र शुरू किए जाएंगे। क्षेत्र में स्थापित होने वाले उद्योगों की ओर से इन केंद्रों में प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। उद्योग अपनी जरूरत के हिसाब से युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार योग्य बनाएंगे।

नक्शा 11 के आधार पर होगा प्रशिक्षण के लिए युवाओं का चयन

युवाओं को चयन नक्शा 11 के आधार पर किया जाएगा। ताकि प्रशिक्षण का लाभ वास्तव में स्थानीय युवाओं को मिल सके। नक्शा 11 में किसान, उनकी जमीन, अधिग्रहण की स्थिति समेत अन्य जानकारी दर्ज होती हैं। उद्योगों में रोजगार के लिए स्थानीय युवाओं की पहचान भी नक्शा 11 से ही होगी।