भोपाल । पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने अपने 7000 संविदा कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। उन्हें विभागीय भर्ती में 50त्न आरक्षण देने के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। संविदा के पद पर कम से कम 5 साल काम करने वाले कर्मचारी इसके लिए पात्र होंगे। विभाग ने मध्य प्रदेश विकास आयुक्त पंचायत और ग्रामीण विकास तृतीय श्रेणी (लिपिक वर्गीय और अलिपिक वर्गीय) सेवा भर्ती नियम 1999 में संशोधन कर दिया है। बता दें कि प्रदेश में 1 लाख 25 हजार संविदा कर्मचारी हैं।
नियमित पदों पर होने वाली भर्ती में संविदा कर्मचारियों के लिए आरक्षण देने की घोषणा तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित सम्मेलन में की थी। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने नीति-निर्देश जारी किए, जिनके आधार पर यह कदम उठाया गया है। ज्ञात हो कि इससे पहले स्वास्थ्य और ऊर्जा विभाग भी सीधी भर्ती में संविदा कर्मचारियों को आरक्षण दे चुके हैं। सम्मेलन में संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान वेतन, अनुकंपा नियुक्ति, ग्रेच्युटी, अवकाश की सुविधा और स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने की घोषणाएं भी की गई थी।

8000 कर्मचारी कोर्ट पहुंचे
राज्य सरकार ने पिछले साल संविदा कर्मचारियों के लिए सीपीआई इंडेक्स जारी किया था। जिसके आधार पर वेतन वृद्धि होनी थी पर सैकड़ों कर्मचारियों का ग्रेड-पे कम हो गया। इस कारण एक साल में करीब 8000 कर्मचारी कोर्ट चले गए।

संविदा नीति का ही पालन नहीं किया
मैप आईटी, कुक्कुट विकास निगम सहित कई उपक्रमों और निगम-मंडलों में संविदा नीतियों का पालन नहीं हो रहा है।संविदाकर्मियों की जानकारी ही नहीं दीपंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पिछले साल 12 योजनाओं में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के वेतन, ग्रेड-पे और पे-लेवल की जानकारी मांगी थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।