नौगांव । नगर से लगे ग्राम बिलहरी में निरंतर पांच दिनों से चल रही भागवत कथा के चलते पांचवे दिन कथा व्यास आचार्य पं श्री राजेंद्र दास जी महाराज ने भगवान की बाल लीलाओं का वर्णन किया गया जिसमें नंदोत्सव, कृष्ण बलराम का नामकरण संस्कार, ऊखल बंधन, माखन चोरी लीला की कथा के साथ पूतना वध एवं आखरी में गोवर्धन पूजा की कथा श्रवण कराई तथा गिरिराज जी भगवान को छप्पन भोग का प्रसाद लगाया गया। वृन्दावन धाम से आये कलाकारों द्वारा छप्पन भोग के पदों का गायन कर गिरिराज जी महाराज की आरती उतारी गई।
ग्राम बिलहरी में चल रही सात दिवसीय संगीतमयी भागवत कथा के दौरान श्रीधाम वृंदावन से पधारे कथा व्यास आचार्य श्री राजेंद्र दास जी महाराज के मुखारविंद से सभी धर्मप्रेमी बंधुओं को निरंतर पांच दिनों से कथा श्रवण कराई जा रही है। कथा के दौरान पंडाल में अच्छी खासी भीड़ देखने को मिल रही है युवती और महिलाएं भी बड़ी संख्या में कथा श्रवण करने आ रही है। भागवत कथा के पाँचवे दिन भगवान के जन्म की कथा का विस्तार से वर्णन करते हुए बाल लीलाओं की कथा सुनाई जिसमें नंदोत्सव, कृष्ण बलराम का नामकरण संस्कार, ऊखल बंधन के साथ साथ माखन चोरी लीला की कथा विस्तार से सुनाते हुए कहा भगवान ने उन्ही गोपी के घर का माखन चुराया जिन्हें कृष्ण से प्रेम था। कृष्ण ने प्रेम रूपी माखन की चोरी की पदार्थ रूपी की नही इसलिए प्रसाद को भी पदार्थ की दृष्टि से नही लेना चाहिए प्रेम रूपी ही प्रसाद ग्रहण करना चाहिए। इसके बाद पूतना वध एवं भागवत कथा के आखरी में गोवर्धन पूजा की कथा श्रवण कराई जिसमें ब्रज में जल वृष्टि होने के कारण सभी ग्वाल बालों ने गिरिराज जी की तलहटी में पहुँच कर शरण ली तथा कथा में गिरिराज महाराज को छप्पन भोग का प्रसाद लगाया गया। गिरिराज जी की दिव्य झांकी सजाई गई और पद गायन किया जिसमें नगर के सभी नर-नारी भागवत दरबार में झूमते नजर आए सभी ने गिरिराज जी की परिक्रमा लगाई। भागवत कथा में वृन्दावन से आये कलाकारों के द्वारा पद गायन किया जा रहा है। गोवर्धन पूजा के दौरान भागवत समिति के सभी कार्यकर्ता झूमते नजर आए कथा के बाद बाल गिरिराज भगवान की आरती की गई तत्पश्चात छप्पन भोग के प्रसाद का वितरण किया गया। आज की कथा में कृष्ण रुक्मिणी विवाह की कथा का वर्णन किया जाएगा एवं भगवान का विवाह धूमधाम से मनाया जाएगा।