रहली। भारतवर्ष के इस पावन त्यौहार नवरात्रि में किसी एक अभागिन मां ने अपने लगभग 7  दिन पहले जन्मे नवजात शिशु को रात्रि के अंधेरे में छोड़ दिया गनीमत रही की किसी जानवर ने उसे अपना शिकार नही बनाया वहीं जानकारी कहती हैं..कि रहली तहसील के छिरारी ग्राम में  रात्रि करीब 10:30 से 11 के बीच छिरारी से चांदपुर जाने वाली सड़क पर बने एक घर के गेट के सामने एक नवजात बच्चे को कपड़े में लिपटा हुआ छोडऩे की डायल हंड्रेड पर सूचना मिली सूचना पर डायल हंड्रेड के पायलट रामनरेश तिवारी, प्रधान आरक्षक सतोष पटेल छिरारी ग्राम पहुंचे मौके से उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारी को इसकी सूचना दी वही नवजात शिशु को डायल हंड्रेड में तैनात दोनों कर्मचारियों ने सही सलामत अपने संरक्षण में ले लिया।इधर जानकारी लगते ही अस्पताल के महकमे में भी सक्रियता देखने को मिली और पूरा स्टाफ बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण की तैयारी में लग गया पुलिस की टीम जैसे ही अस्पताल में बच्चों को लेकर के आई तुरंत ही डॉक्टर बसंत नेमा के द्वारा इस नवजात बच्चे का चेकअप किया गया एवं नर्स स्टाफ के द्वारा बच्चों को सहलाने के साथ प्राइमरी इलाज शुरू किया गया। प्रत्यक्षदर्शी नंदकिशोर साहू ने बताया कि हमारे छोटे भाई को रात्रि कालीन अपने गेट के सामने बिल्ली जैसे कोई आवाज सुनाई दी जब गेट खोलकर सामने देखा तो यह नवजात शिशु रो रहा था। जिसको देखकर तुरंत ही उसने अपने भाई और माता-पिता को बुलाया तुरंत ही उसके भाई ने पुलिस को इसकी सूचना दी।
 पूरे देश में इस प्रकार की घटनाएं आम है। दिन-ब-दिन लोग अनेकों कुंठाओं से ग्रसित होते जा रहे हैं।यही कारण है कि लोग अपनी भावनाओं को, अपने कर्तव्यों को, अपने जमीर को जूते के तले रौंदते हुए इस प्रकार के अमानवीय कृत्य को अंजाम दे रहे हैं। जिससे सारी मानव जाति शर्मसार हो रही है। इस सम्बंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रहली के डॉक्टर बसंत नेमा ने बताया कि बच्चा फिलहाल स्वस्थ है। बच्चा लगभग 7 दिन का होने के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उसके लिए आईसीयू जैंसी उचित व्यवस्था नहीं है। इसलिए उसे जिला अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है।