रीवा(राजन शुक्ला)। विगत वर्ष मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिले के त्योंथर तहसील अंतर्गत अंजोरा गांव में रहने वाले परिवार को मदद पहुंचाने का वादा किया था मगर जैसे ही वह सीएम की कुर्सी से हटे उनका वादा भी अधूरा रह गया और बीमारी से पीडि़त परिवार अपने इलाज के लिए दर दर भटकने लगा। 
दरअसल अंजोरा गांव में एक परिवार गंभीर बीमारी से परेशान है और उन्हें देखने वाले हैरान हैं क्योंकि इस परिवार के लोगों की बीमारी की कोई दवा ही नहीं मिल पा रही है। जिसके कारण इनको ना तो मेडिकल के किसी भी दवाई से कोई राहत मिली और ना ही प्रशासन से कोई सहयोग और यह परिवार लगातार इधर-उधर भटकने को मजबूर होता गया। वहीं इस बीमारी ने परिवार के मुखिया की जान भी ले ली तथा अब परिवार में चार व्यक्ति ही शेष बचे हैं जो अपनी जान की सलामती की खातिर इलाज की गुहार लगा रहे हैं। अब परिवार के मनीष यादव सहित अन्य लोगों ने एसडीएम कार्यालय के बाहर आमरण अनशन पर बैठने का फैसला कर लिया है जिससे शायद इनकी कोई मदद हो सके।  हालांकि पूर्व में प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने इनकी मदद करने की कोशिश की थी जिसके लिए परिवार के लोगों को इलाज के लिए दिल्ली भेजा गया था मगर उसमें भी इनकी बीमारी कम नहीं हुई। परिवार अब फिर से शासन से मदद की अपेक्षा कर रहा है।  
बताया जा रहा है कि त्योंथर तहसील का रहने वाला यह परिवार कई वर्षो से इस बीमारी से परेशान है जिसका कोई तोड़ नहीं निकल पा रहा है तथा परिवार के चार सदस्य इस बीमारी की चपेट पर है और दिनों दिन इनका शरीर सूखता जा रहा है वही देश के कई कोनों में परिवार ने इलाज भी कराया मगर उस इलाज से इन्हें कोई राहत नहीं मिली। इलाज से परेशान इस परिवार की माली हालत भी खराब हो चुकी है तथा घर का गुजर-बसर भी नहीं हो पा रहा है परिवार जनों का कहना है कि जो भी पैसा उनके पास था वह उन्होंने इलाज में खर्च कर दिए तथा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा प्रदान की गई मदद भी ज्यादा दिनों तक नहीं रही जिसके बाद अब वह पाई पाई के मोहताज है जिसकी वजह से आर्थिक संकट से गुजरता यह परिवार अब प्रशासन से उम्मीदें लगाए बैठा है परंतु आमरण अनशन के 2 दिन बीत जाने पर भी इन्हें कोई देखने वाला नहीं है।  
जानकारी के मुताबिक इस परिवार की जो बीमारी है वह अब तक रीवा जिले के लिए अनजान बीमारी थी परंतु जब तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने परिवार के सदस्यों की मदद करते हुए इन्हें दिल्ली के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया तो वहां के डॉक्टरों ने इस बीमारी के नाम का खुलासा किया जिसका नाम है मस्कुलर डिस्ट्राफी बीमारी जिस बीमारी के कारण किसी भी इंसान का शरीर लगातार सूखता रहता है। कई वर्षों से इस परिवार के लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं। तथा उनकी बीमारी का इलाज नहीं हो पा रहा है। 
आपको बता दें मध्य प्रदेश की सरकार हो या फिर केंद्र की सरकार प्रत्येक सरकारें लोगों की समस्याओं और सुविधाओं को देखते हुए कई अन्य अन्य योजनाएं चलाती रहती है और लोगों को उन योजनाओं का लाभ भी मिलता है परंतु अंजोरा गांव के इस परिवार तक शासन की योजनाएं भी नहीं पहुंच पा रही हैं। या फिर यूं कहें कि उनकी बीमारी का इलाज ही सरकार के किसी दवाखाने में नहीं मिल पा रही है।