परिणय सूत्र में बंधते ही अमीर हो गयीं बेटियां
छतरपुर। स्थानीय बस स्टेण्ड क्रमांक 2 में पिछले करीब तीन वर्षों से गरीबों को नि:शुल्क खिचड़ी खिलाने वाली जन सहयोग रसोई अब गरीब की बेटियों के हाथ पीले करने लगी है। यह एक सुखद समय है कि गरीब की बेटी परिणय सूत्र में बंधते ही अमीर हो गयी। जन सहयोग रसोई के सदस्यों ने 10 बेटियों का कन्यादान कर अपना फर्ज निभाया है।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत शहनाई गार्डन में सनातन सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन रखा गया। जन सहयोग रसोई के सदस्यों ने 11 निर्धन कन्याओं के विवाह करने का लक्ष्य रखा था लेकिन किन्हीं कारणों से 10 कन्याएं ही आ सकीं इसलिए 10 कन्याओं के हाथ पीले किए गए। रसोई के सचिव संजय नामदेव ने बताया कि यह पहला आयोजन है। शहर के सामाजिक संगठन, प्रतिष्ठित लोगों के अलावा समाजसेवियों ने कन्याओं का विवाह कराने में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। समिति के पूर्व अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन ने बताया कि 2021 में जन सहयोग रसोई की शुरूआत हुई थी, बस स्टेण्ड में सुबह 8 से 9 बजे गरीबों को खिचड़ी बांटी जाती है। ज्ञात हो कि चंद लोगों द्वारा शुरू की गई जन सहयोग रसोई में एक सैकड़ा से अधिक सदस्य जुड़ चुके हैं। समाजसेवी मनीष दोसाज ने कहा कि निर्धन कन्याओं के लिए जन सहयोग रसोई ने जो कार्य किया है वह अविस्मरणीय है। इस तरह के आयोजन से बेटी कभी बोझ नहीं हो सकती। बेटियों को घर गृहस्थी की सभी जरूरत की सामग्री देकर विदा किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारियों के अलावा, विधायक ललिता यादव, एसपी अगम जैन सहित अन्य समाजसेवी, व्यापारी मौजूद रहे।
इन कन्याओं का हुआ विवाह
सपना रैकवार को जीतेन्द्र रैकवार के साथ परिणय सूत्र में बांधा गया है। इसी तरह राखी अहिरवार- संदीप अहिरवार, प्रियंका अहिरवार- विनोद अहिरवार, गुडिय़ा अहिरवार- अखिलेश अहिरवार, आरती प्रजापति- जीतेन्द्र प्रजापति, सुमन विश्वकर्मा- अनंदी विश्वकर्मा, माया बंसल- दिनेश बंसल, सीता बंसल- रूपचन्द्र बंसल, प्रतीक्षा कुशवाहा- शंकर कुशवाहा एवं रीता अहिरवार- धरमपाल अहिरवार वैवाहिक बंधन में बंध गए।