नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिहाज से उत्तर प्रदेश काफी अहम राज्य है। यहां की 80 सीटें सरकार बनाने में निर्णायक भूमिका निभाती हैं। यहां की कई सीटों का इतिहास काफी रोचक है। इन्हीं में से एक सीट ऐसी है, जिसका नाम एक पूर्व ब्रिटिश अफसर के नाम पर पड़ा है। ये लोकसभा सीट है रॉबर्ट्सगंज, जो कि राज्य के सोनभद्र जिले में स्थित एक शहर है। सोनभद्र जिले को मीरजापुर के दक्षिणांचल से अलग करके बनाया गया है। यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने 4 मार्च 1989 को सोनभद्र के रूप में नया जिला बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद रॉबर्ट्सगंज को नए जिले का मुख्यालय बनाया गया।

कैसे पड़ा अंग्रेजी नाम?

शहर का नाम रॉबर्ट्सगंज पड़ने के पीछे की कहानी की बात करें तो ब्रिटिश हुकूमत ने कई शहरों और कस्बों का नामकरण अपनी सुविधा के अनुसार किया था। इसी कड़ी में 1928 में 'टाड़ का डौर' नामक इलाके का नाम बदलकर रॉबर्ट्सगंज किया गया। फ्रेडरिक रॉबर्ट्स जो कि 1885 से 1893 तक भारतीय ब्रिटिश सेना के कमांडर इन चीफ थे। सेना के इन फील्ड मार्शल फ्रेडरिक रॉबर्ट के नाम पर ही इसका नामकरण किया गया।

1 जून को वोटिंग

बहरहाल रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट से पिछला चुनाव अपना दल (एस) के पकौड़ी लाल कोल ने जीता था। इस बार पार्टी ने उनकी बहू रिंकी कोल को इस सीट से टिकट दिया है। अपना दल (एस) भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। वहीं इंडी गठबंधन के तहत सपा ने छोटेलाल खरवार को यहां से प्रत्यााशी बनाया है। इस सीट पर आखिरी चरण में एक जून को वोटिंग होगी।