रूस ने कहा कि वह परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग के विस्तार के लिए तैयार है। इसमें भारत में एक नई जगह पर उच्च क्षमता वाली परमाणु ऊर्जा इकाइयों का निर्माण भी शामिल है।

बृहस्पतिवार को परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव अजीत कुमार मोहंती ने रूस के रोसाटॉम राज्य परमाणु ऊर्जा निगम के महानिदेशक एलेक्सी लिकचेव से मुलाकात की। दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की गई। रोसाटॉम में दोनों पक्षों के अधिकारियों ने रूस में टॉम्स्क क्षेत्र के सेवरस्क में बनाए जा रहे पायलट डिमॉन्स्ट्रेशन एनर्जी कॉम्प्लेक्स (पीडीईसी) का दौरा किया।

लिकचेव ने बताया कि संयुक्त यात्रा के दौरान परमाणु क्षेत्र में रूसी-भारत सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा के उपयोग के क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग के विस्तार के लिए तैयार रूस हैं।

इसके तहत सबसे पहले भारत में एक नई साइट पर रूसी-डिज़ाइन की उच्च क्षमता वाली परमाणु ऊर्जा इकाइयों का क्रमिक निर्माण किया जाएगा। इसके बाद भूमि-आधारित और अस्थायी कम-बिजली उत्पादन परियोजनाओं का कार्यान्वयन, परमाणु ईंधन चक्र क्षेत्र में सहयोग और परमाणु प्रौद्योगिकियों के गैर-ऊर्जा अनुप्रयोगों के क्षेत्र में सहयोग भी शामिल है।

हालांकि रोसाटॉम ने यह नहीं बताया कि भारत में नई साइट पर किस प्रकार के परमाणु ऊर्जा रिएक्टर बनाए जाएंगे। पिछले हफ्ते, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत रूसी परमाणु रिएक्टरों के लिए अतिरिक्त साइटों की तलाश कर रहा है। रूस और भारत कुडनकुलम (तमिलनाडु में) में 1,000 मेगावाट के छह परमाणु रिएक्टर बनाने में सहयोग कर रहे हैं। जिनमें से दो चालू हो चुके हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि एलेक्सी लिकचेव और अजीत कुमार मोहंती ने दक्षिणी भारत में रूसी डिजाइन के तैयार हो रही संयुक्त कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना की प्रगति पर भी चर्चा की। इसमें हल्के पानी के रिएक्टरों से बनाई छह बिजली इकाइयां शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 1,000 मेगावाट है।