श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर में साल के अंत या फिर अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अनुच्धेद-370 की समाप्ति के बाद से अब तक वहां चुनाव नहीं हुए हैं। इस बीच नेशनल कांफ्रेंस और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन को लेकर अटकलबाजियां होने लगी हैं। लोगों ने इसके लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना के ट्विटर पर हुए संवाद का सहारा लिया है।
उमर ने जम्म-कश्मीर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के बयान पर प्रतिक्रिया देकर कहा कि ना तब राजनीतिक विरोधी एक-दूसरे के दुश्मन होतो हैं, ना ही राजनीति विभाजन और नफरत के लिए है। उनकी इन टिप्पणियों को ट्विटर पर लोगों ने हाथों हाथ लिया। एक यूजर ने इस नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और भाजपा के बीच पिछले दरवाजे से समझौता करने का संकेत करार दिया है।
बता दें कि जम्मू और कश्मीर भाजपा प्रमुख रैना ने उमर को केंद्र शासित प्रदेश के शीर्ष राजनीतिक नेताओं में एक रत्न करार दिया है। रैना ने कहा, जब मैं उमर के साथ विधानसभा का सदस्य बना तो हमने एक इंसान के रूप में देखा कि उमर जम्मू-कश्मीर के शीर्ष राजनीतिक नेताओं में एक रत्न हैं। इसकारण हम दोनों दोस्त भी हैं।"
उन्होंने कहा कि जब वह कोरोना से संक्रमित हुए थे, तब उनका हाल जानने वालों में उमर अब्दुल्ला पहले व्यक्ति थे। उन्होंने फोन कर उनका हाल जाना था। रैना के ट्वीट का जवाब देकर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राजनीतिक रूप से असहमत होने पर राजनेताओं को व्यक्तिगत रूप से एक-दूसरे से नफरत करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, "राजनीति विभाजन और नफरत के बारे में क्यों है? राजनीति यह कहां कहता है, कि राजनीतिक रूप से असहमत होने के लिए हमें व्यक्तिगत रूप से एक-दूसरे से नफरत करनी होगी? मेरे राजनीतिक विरोधी हैं, मेरे दुश्मन नहीं हैं।"