छतरपुर। महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय  छतरपुर की अर्थशास्त्र अध्ययनशाला एवं शोध केंद्र में  प्रो विभा वासुदेव की अध्यक्षता में अर्थशास्त्र अध्ययन मंडल की बैठक का आयोजन 25 जुलाई 24 को  अर्थशास्त्र ध्ययनशाला एवं  शोध केंद्र में किया गया।
मीडिया समिति की सदस्य श्रीमती पूजा तिवारी ने बताया कि इस बैठक में अर्थशास्त्र के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित विषय वस्तु को शामिल किया गया है। अध्ययन मंडल ने बैठक में  निर्णय  लिया कि बीए प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष एवं तृतीय वर्ष   के पाठ्यक्रम का अध्ययन कार्य  पूर्ववत जारी रहेगा। बीए चतुर्थ वर्ष के पाठ्यक्रम में नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप  केंद्रीय अध्ययन मंडल द्वारा अनुमोदित  पाठ्यक्रम को 2024 में लागू किया जाएगा। स्नातकोत्तर कक्षाओं के सभी प्रश्न पत्रों में नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप भारतीय ज्ञान परंपरा मे  ऋण और दान की प्राचीन भारतीय अवधारणा कौटिल्य के अनुसार सार्वजनिक वस्तुओं एवं करों की अवधारणा प्राचीन भारतीय बैंकिंग व्यवस्था, प्राचीन भारत में शोध पद्धतियां, प्राचीन भारत का अंतरराष्ट्रीय व्यापार ,पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं आचार्य विनोबा भावे बुंदेलखंड में मनरेगा का क्रियान्वयन, बुंदेलखंड क्षेत्र की श्रम समस्याओं एवं समाधान के उपाय, भारतीय अर्थव्यवस्था में पर्यावरण का महत्व बुंदेलखंड क्षेत्र में लघु एवं कुटीर उद्योग की समस्याएं, बुंदेलखंड क्षेत्र में बीमा कंपनियों की स्थिति सतत विकास का वैदिक दृष्टिकोण, जैन धर्म के पांच सिद्धांत मध्य प्रदेश में अधोसंरचना का विकास, बुंदेलखंड में कृषि फसल प्रारूप ,जैविक खेती एवं कृषि में नवाचार, बुंदेलखंड में कृषि श्रमिकों की समस्याएं एवं समाधान  अनुरूप नए टॉपिक को शामिल किया गया है।
स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर में वर्ष 2024-25 से परियोजना कार्य अथवा लघु शोध प्रबंध लिखने  का विकल्प  रखा गया। जिसका पूर्णांक परियोजना कार्य की भांति  होगा।  विगत वर्षों की भांति बीए, बीएड, पीएचडी पाठ्यक्रम पूर्व की तरह जारी रहेगा। अध्ययन मंडल की बैठक में डॉ विभा वासुदेव, डॉ सीएल प्रजापति, डॉ एके जैन, डॉ प्रवीण झाम, डॉ सुनील साहू, डॉ नंदकिशोर सोनी, डॉ सीताराम अहिरवार एवं सोनू चतुर्वेदी उपस्थित रहे।