नई दिल्ली । खाकी पर दाग लगाने वालों के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) एक्शन मोड हैं। दिल्ली पुलिस में फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए एजेंसी ने एक हफ्ते के अंदर तीसरी बार कार्रवाई की है। सीबीआई ने बाहरी दिल्ली के राज पार्क पुलिस स्टेशन पर छापा मारा और कथित तौर पर रिश्वत लेने के आरोप में एक सब-इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर लिया। एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने सब-इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा, जिसके बाद यह गिरफ्तारी की गई। शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया और फिर जाल बिछाया। सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया शिकायतकर्ता के भाई के खिलाफ आपराधिक मामला बंद करने के लिए पुलिसकर्मी को उस समय रंगे हाथ पकड़ लिया गया जब वह कुल रिश्वत का एक हिस्सा 7,000 रुपये की डिमांड और उसे स्वीकार कर रहा था। आरोपी पुलिसकर्मी एक मामले का जांच अधिकारी बताया जा रहा है। एजेंसी पिछले साल से दिल्ली पुलिस में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों की सक्रियता से जांच कर रही है। पिछले हफ्ते सीबीआई ने 24 घंटे के अंदर अलग-अलग ट्रैप ऑपरेशन में दो पुलिस थानों पर छापेमारी की। एक मामले में पुलिसकर्मी को गिरफ्तार किया गया, जबकि दूसरे में आरोपी पुलिसकर्मी सीबीआई के हाथ से बचकर निकल गया। पहली कार्रवाई में सीबीआई के अधिकारियों ने शाहदरा जिले में एक पुलिस थाने की बैरक में छापेमारी की। जबकि दूसरी कार्रवाई में सीबीआई ने दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल को रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया। सीबीआई ने दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) के एक विधि अधिकारी के खिलाफ आय से 5.21 करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति रखने का मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक सीबीआई ने विजय मग्गो की आय के वैध स्रोतों से अधिक निवेश और संपत्ति दिखाने वाले दस्तावेज बरामद किए, जिसके बाद यह मामला दर्ज किया गया। मग्गो को पिछले साल डीयूएसआईबी के प्रधान निदेशक पी.के. झा के नाम पर दो दुकानों की सीलिंग हटाने और खोलने के लिए कर्ण गुप्ता नामक एक व्यक्ति से 40 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।