लोकसभा चुनावों की शुरुआत में ही भाजपा और अकाली दल के एक बार फिर साथ आने की चर्चा तेज हो गई थी, लेकिन किसानों की नाराजगी के भय से अकाली दल ने इस गठबंधन से अपना मुंह मोड़ लिया था। लेकिन अकाली दल के इसी कदम ने भाजपा को पंजाब में अपने दम पर मजबूत होने का फॉर्मूला दे दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सधे कदमों से पंजाब का दिल जीतने की कोशिश की। एक के बाद एक कदमों से उन्होंने पंजाबियत से अपना नाता जोड़ा। उधर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आढ़तियों और किसानों से लगातार बातचीत कर भाजपा और पीएम को लेकर फैलाई गई कई 'गलतफहमियां' भी दूर कीं। इन कोशिशों का असर यह हुआ है कि अब कई आढ़ती-किसान संगठन खुलकर भाजपा के साथ खड़े हो गए हैं। अब भाजपा पंजाब में तीन से चार सीटों (गुरदासपुर, अमृतसर, लुधियाना और पटियाला) पर मजबूत स्थिति है और वह इन पर जीत भी हासिल कर सकती है। वोट प्रतिशत के लिहाज से भी भाजपा अब तक का सबसे श्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकती है। यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो इससे पार्टी के लिए पंजाब में नई संभावनाओं के द्वार खुल सकते हैं।

दरअसल, 2019-20 के किसान आंदोलन ने केंद्र सरकार की राह में मुश्किलें खड़ी कर दी थीं। लेकिन समय बीतने के साथ-साथ पंजाब में भी अब किसानों को आम जनता का ज्यादा समर्थन नहीं मिल रहा है। लोगों को लगने लगा है कि रोज-रोज के आंदोलन, सड़कों-रेल पटरियों को जाम करने से किसी समस्या का समाधान नहीं निकल सकता। उलटे इससे आम लोगों की समस्याएं ही बढ़ी हैं। पंजाब के पढ़े-लिखे वर्गों के बीच भी अब किसानों को उनकी बेतरतीब मांगों को लेकर समर्थन घट रहा है। कुछ किसान अपने संगठनों की बातों से उलट जाकर भी भाजपा का समर्थन करते दिखाई दे रहे हैं। इससे भी किसान संगठनों की आंदोलन वाली धार कुंद हुई है।

भाजपा का समर्थन करने लगे हैं किसान

एक किसान नेता ने बताया कि किसानों के साथ-साथ आम लोगों के बीच भी एक बात पर सहमति बनती दिखाई दे रही है कि आंदोलन के दौरान वामपंथी किसान जत्थेबंदियों के द्वारा कुछ ऐसी मांगें रख दी गई थीं, जिसे पूरा कर पाना किसी भी सरकार के लिए संभव नहीं होगा। पंजाब में अब चर्चा यहां तक होने लगी है कि इन मांगों को मांग पत्र में डालने का उद्देश्य ही यह था कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच की बातचीत किसी मुकाम पर न पहुंचने पाए। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ-साथ आम लोग भी अब इस 'राजनीति' को समझ रहे हैं। यही कारण है कि बहुत सारे किसान अब अपने संगठनों की बातों से इतर जाकर भाजपा का समर्थन करने लगे हैं। भाजपा को इसका लाभ मिल सकता है। 

आढ़तियों-किसानों का आंदोलन से मोहभंग तो हुआ है, लेकिन यह एकजुट होकर किसी राजनीतिक दल के पक्ष में जाता हुआ भी नहीं दिखाई दे रहा है। पंजाब की राजनीति पर नजर रखने वाले सुखचरण सिंह ने कहा कि किसानों का समर्थन कई गुटों में बंट सकता है। कांग्रेस के पक्ष में किसानों का एक धड़ा एक जुट हो सकता है, तो अकाली दल भी कुछ वापसी करता दिख रहा है। उनका मानना है कि जनता के लिए कुछ काम करने से आम आदमी पार्टी को भी कुछ लाभ हो रहा है। हालांकि विधानसभा चुनावों की तुलना में उसे बड़ा नुकसान हो सकता है। 

सुखचरण सिंह ने कहा कि लेकिन भाजपा के लिए बड़ा लाभ यह हुआ है कि किसानों का एक वर्ग उसके समर्थन में आ गया है। हिंदू मतदाताओं के बीच भी पार्टी जबरदस्त लोकप्रिय हुई है। इससे भाजपा को पंजाबी में अपना विस्तार करने में मदद मिली है। 

आढ़ती एसोसिएशन ऑफ पंजाब के अध्यक्ष रविंदर सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ लगातार बातचीत करने का एक लाभ यह हुआ है कि अब किसानों की समस्या सुलझती दिखाई दे रही है। वे भी यह मानते हैं कि किसी भी सरकार के लिए किसानों की सभी मांगों को पूरा कर पाना संभव नहीं था। लेकिन बीच का रास्ता यह निकाला जा रहा है कि प्रमुख फसलों के लिए केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर दिया जाएगा। इस पर सभी किसान लाभ ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि सभी फसलों पर एमएसपी की बजाय कुछ प्रमुख फसलों को एमएसपी के दायरे में लाने से केंद्र सरकार और किसानों के बीच इस मुद्दे पर सहमति बन सकती है। इस उम्मीद ने लोगों को केंद्र सरकार के प्रति सकारात्मक सोच अपनाने के लिए प्रेरित किया है। 

आढ़ती किसान संघ के उपाध्यक्ष रविंदर सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार ने बातचीत के दौरा्न लगातार इस बात पर भरोसा दिया है कि किसानों व आढ़तियों के हितों का पूरा-पूरा ध्यान रखा जाएगा। किसानों को अपनी हर फसल को अपनी इच्छा से बेचने की अनुमति मिले, उसे उसका सही दाम मिले और साथ-साथ आढ़तियों को भी किसी अतिरिक्त टैक्स का सामना न करना पड़े, इससे दोनों पक्षों में सहमति बन सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्र के इस उदार रवैये के कारण उसके प्रति भरोसा बढ़ा है।

अपने दम पर बड़ी जीत हासिल करेंगे- भाजपा

भाजपा के राष्ट्रीय नेता सरदार आरपी सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी को पंजाब में अकेले दम पर बड़ी जीत का भरोसा है। यह भरोसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों के कारण पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिख समुदाय के लिए करतार सिंह कॉरिडोर खुलवाया है, साहिबजादों को सम्मान दिया है और बार-बार सिख धर्म का सम्मान किया है, उससे सिख समुदाय के लोगों में यह संदेश गया है कि प्रधानमंत्री सिखों को उसका पूरा सम्मान और अधिकार देना चाहते हैं। इसका असर हुआ है कि अब सिख समुदाय के बीच भाजपा को लेकर समर्थन लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सिखों, किसानों और आढ़तियों के बीच समर्थन के बल पर भाजपा अपने दम पर बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब रहेगी।