पटना| बिहार में जदयू के एनडीए को छोडकर महागठबंधन के साथ जाने के बाद भाजपा और जदयू के नेताओं के बीच बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच, भाजपा के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की मुहिम असफल हो गई। इसके बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पलटवार करने में देरी नहीं की। उन्होंने कहा कि 2024 से भाजपामुक्त भारत का आगाज होगा।

दरअसल, मोदी ने शुक्रवार को कहा कि नीतीश कुमार का न बिहार के बाहर कहीं प्रभाव है और न राज्य के भीतर वे अपना जनाधार बचा पाये, इसलिए विपक्षी एकता की उनकी मुहिम फ्लॉप कर गई। डेढ़ महीने में न कोई प्रमुख विपक्षी नेता उनसे मिलने आया, न वे किसी से मिलने गए।

मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री का आधार वोट भाजपा की तरफ खिसक गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद न मल्लिकार्जुन खडगे ने और न भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी ने ही नीतीश कुमार को आमंत्रित किया। विपक्षी एकता के नाम पर केसीआर बिहार आए थे, लेकिन नीतीश कुमार के साथ बात नहीं बनी। अब उन्होंने अपनी पार्टी को राष्ट्रीय बना कर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी से हाथ मिला लिया।

उन्होंने कहा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और केजरीवाल की पार्टी को एक साथ लाने में नीतीश कुमार कोई भूमिका नहीं निभा सके। दोनों जगह दोनों विपक्षी दल एक-दूसरे के खिलाफ भी लड़ रहे हैं।

मोदी से साफ लहजे में कहा कि नीतीश कुमार को कोई नेता मानने को तैयार नहीं, तब विपक्षी एकता के नाम पर जदयू का राजद में विलय कराने के अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं है।

मोदी के इस बयान पर जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने शनिवार को पलटवार करते हुए कहा कि विपक्षी एकता की मुहिम टांय-टांय फिस्स होगी या 2024 में भाजपा मुक्त भारत का आगाज होगा, ये समय बताएगा। उन्होंने गोपालगंज चुनाव परिणाम की ओर इशारा करते हुए कहा कि 36752 वोट से 1794 पर आ गए फिर भी जनाधार दिखता है., वाह भाई वाह!