भोपाल । उच्च पद के प्रभार को लेकर शिक्षकों को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कभी किसी संवर्ग को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है, तो कभी जिला शिक्षा अधिकारी उनकी योग्यता वृद्धि के दस्तावेजों को प्रमाणित नहीं करते हैं। अब नई समस्या सामने आई है। काउंसिलिंग के बाद शिक्षक को दूसरे स्कूल में पदस्थ कर दिया, उन्हें 7 दिन में ज्वाइन करने को कहा गया है और जिला शिक्षा अधिकारी और उनके अधिनस्थ रिलीव ही नहीं कर रहे हैं।
शासकीय शिक्षक संगठन ने इस पर विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि लोक शिक्षण संचालनालय ने 6 अगस्त को उच्च पद के प्रभार के आदेश जारी कर दिए। प्रभार वाले शिक्षकों से कहा गया है कि 7 दिन में दूसरे स्कूल में ज्वाइन करें। यानी इसके बाद उच्च पद के प्रभार का आदेश स्वत: ही निरस्त हो जाएगा। यह जानते हुए भी जिले के अधिकारी इन शिक्षकों को रिलीव नहीं कर रहे हैं। उच्च पद का प्रभार प्राप्त शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि जिला स्तर के अधिकारी इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं और जहां कर भी रहे हैं तो प्रक्रिया बहुत धीमी है। ऐसे में दूसरे स्कूलों में कार्यभार कैसे ग्रहण करें। कौशल ने मांग की है कि यदि जिला स्तर पर कार्यमुक्त करने में देरी ही हो रही है, तो आयुक्त लोक शिक्षण इन सभी शिक्षकों को 7 के स्थान पर 15 दिन का समय दे दें। ताकि बगैर किसी परेशानी के ये शिक्षक पदभार ग्रहण कर सकें। वे कहते हैं कि कार्यमुक्ति में सबसे अधिक परेशानी उन शिक्षकों को हो रही है जो अन्य संस्था में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं। राजधानी भोपाल में ही प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ शिक्षकों को आज दिनांक तक कार्यमुक्त नहीं किया गया है।