राष्ट्रीय राजधानी में सरकारी योजनाओं का फायदा उठाने वाले अवैध लाभार्थियों के खिलाफ सीएम रेखा गुप्ता ने सख्ती अख्तियार की है। पहले दिल्ली में ऐसी 25000 महिलाएं पाई गई थीं। जो योजना के अपात्र थीं। इसके बाद भी उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से ‘संकटग्रस्त महिला’ मानकर योजना के तहत हर महीने 2500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही थी। सर्वे में इसका खुलासा होने के बाद दिल्ली सरकार ने इन महिलाओं के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। इसमें पता लगाया जा रहा है कि ये महिलाएं कितने दिनों से इस योजना का लाभ उठा रहीं थीं। महिला एवं बाल विकास विभाग के सूत्रों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद दिल्ली सरकार इन महिलाओं से रिकवरी का आदेश जारी कर सकती है।

महिला एवं बाल विकास विभाग की योजना में मिली गड़बड़ी

महिला एंव बाल विकास विभाग की योजना में गड़बड़ी मिलने के साथ ही वृद्धावस्‍था पेंशन को लेकर भी दिल्ली सरकार को शिकायतें मिल रही थीं। इन्हीं शिकायतों को देखते हुए दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने बुजुर्गों को पेंशन के रूप में दिए जाने वाली आर्थिक लाभ वाली योजना का भी सर्वे कराने का आदेश दिया है। इसमें साफ कहा गया है कि दिल्ली में वृद्धावस्‍था पेंशन पाने वाले बुजुर्गों के घर-घर जाकर उनकी संख्या और स्थिति का पता लगाया जाए। सीएम रेखा गुप्ता ने इस सर्वे और जांच की जिम्मेदारी समाज कल्याण विभाग को सौंपी है। विभागीय कर्मचारी जल्द ही घर-घर जाकर वृद्धावस्‍था पेंशन के लाभार्थियों की डिटेल जुटानी शुरू करेंगे।

दरअसल, दिल्ली में 60 साल और उससे ज्यादा उम्र वाले लगभग साढ़े चार लाख से ज्यादा बुजुर्गों को समाज कल्याण विभाग की ओर से पेंशन के रूप में आर्थिक मदद दी जाती है। इसमें 60-69 साल की उम्र वाले बुजुर्गों को 2000 रुपये और 70 या उससे ज्यादा उम्र वाले बुजुर्गों को दिल्ली सरकार की ओर से 2500 रुपये बतौर पेंशन हर महीने दिए जाते हैं। समाज कल्याण विभाग के सूत्रों का दावा है कि दिल्ली में चुनाव की घोषणा से कुछ दिन पहले तत्कालीन आम आदमी पार्टी की सरकार ने करीब 80 हजार बुजुर्गों को इस योजना से जोड़ा था। इसके बाद दिल्ली में ओल्ड एज पेंशन के लाभार्थियों की संख्या 5 लाख 30 हजार हो गई थी।

चुनाव पूर्व दिल्ली में शुरू की गईं 80 हजार नई वृद्धावस्था पेंशन

दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने 80,000 नई वृद्धावस्था पेंशन स्वीकृत की थीं। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बताया था कि इन नई पेंशनों के जोड़े जाने से राजधानी में वृद्धावस्था पेंशन के कुल लाभार्थियों की संख्या बढ़कर लगभग 5 लाख 30 हजार हो गई है। इससे पहले यह संख्या करीब 4.5 लाख थी। गौरतलब है कि कई वर्षों से नई पेंशन योजनाएं शुरू नहीं की गई थीं, जिस कारण बड़ी संख्या में बुजुर्ग नागरिक इसकी मांग कर रहे थे। अब सीएम रेखा गुप्ता को लगातार इस योजना में गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही हैं। ऐसे में सर्वे के दौरान अगर कोई लाभार्थी अपात्र पाया जाता है तो उसकी पेंशन तत्काल रोकी जाएगी।

क्या हैं वृद्धावस्‍था पेंशन योजना के नियम?

दिल्ली में वृद्धावस्‍था पेंशन योजना के लिए सबसे पहली उम्र आर्थिक स्थिति की है। योजना के तहत पात्र लाभार्थी की सालाना आय एक लाख रुपये से कम होनी चाहिए। इसके साथ ही अगर लाभार्थी को किसी अन्य सरकारी सहायता का लाभ मिल रहा है तो वह भी वृद्धावस्‍था पेंशन योजना के लिए अपात्र माना जाएगा। इस योजना के लिए यह भी जरूरी है कि लाभार्थी की उम्र रियल में 60 साल से ज्यादा हो और वह कम से कम पांच सालों से दिल्ली का निवासी हो। यानी पांच साल पहले दिल्ली का स्‍थायी निवासी बनने वाला बुजुर्ग ही इस योजना में शामिल हो सकता है। आवेदन का दिल्ली में एकल संचालित आधार लिंक्ड खाता होना भी जरूरी है। इसके अलावा लाभार्थी को केंद्र, राज्य सरकार के अलावा किसी भी सरकारी या स्‍थानीय निकाय से कोई वित्तीय सहायत न मिल रही हो।

रिकवरी का आदेश दे सकती हैं सीएम रेखा गुप्ता

इससे पहले दिल्ली सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग को महिलाओं को दी जाने वाली आर्थिक सहायता वाली योजना का सर्वे कराया था। इसमेंकरीब 25000 से ज्यादा महिलाएं योजना के लिए अपात्र मिली थीं। इसके बाद सीएम रेखा गुप्ता ने इन महिलाओं के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। महिला एवं बाल विकास विभाग के सूत्रों की मानें तो इसकी जांच अभी चल रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद सीएम रेखा गुप्ता अपात्र महिलाओं से योजना के तहत दी गई राशि की रिकवरी का आदेश भी दे सकती हैं।