पांचवें चरण के मतदान में दलित मतों में जबरदस्त बिखराव देखने को मिला। बसपा के मजबूती से नहीं लड़ने की वजह से उसका आधार वोट भी इधर-उधर जाते दिखा। इससे एनडीए और इंडिया के प्रत्याशी ही न सिर्फ मुख्य लड़ाई में रहे, बल्कि दलित मतों में सेंध पर ही उनकी जीत-हार का दारोमदार टिका है। बहरहाल मतदान के बाद प्रत्याशी गुणा-भाग में जुटे हैं। लखनऊ में राजनाथ सिंह और रायबरेली में राहुल गांधी मजबूत स्थिति में दिखे, तो अमेठी में स्मृति इरानी और केएल शर्मा के बीच टक्कर दिखी। कैसरगंज और गोंडा में भी लड़ाई इतनी रोमांचक रही कि दोनों पक्ष जीत के लिए आशान्वित हैं।

लखनऊ : भाजपा का समीकरण रहा हावी
लखनऊ में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की हैट्रिक रोकने के लिए सपा के रविदास मेहरोत्रा पूरा दम लगाते नजर तो आए, पर राजनाथ की राह आसानी से रुकती नहीं दिखी। पिछले चुनाव में राजनाथ ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। इस बार सारा संघर्ष मार्जिन कम करने का ही नजर आया। मुस्लिम बहुल इलाकों में जरूर साइकिल का पहिया तेज घूमा, पर भाजपा का जातिगत समीकरण यहां बाकी सभी दलों के लिए कड़ी चुनौती ही दिखा। उधर, हाथी की चाल इस सीट पर धीमी नजर आई। बसपा उम्मीदवार सरवर मलिक अपना स्थान बनाने के लिए संघर्ष करते दिखे।

मोहनलालगंज : कड़ी टक्कर
मोहनलालगंज संसदीय सीट पर इस बार चक्रव्यूह कुछ अलग ही दिखा है। भाजपा से कौशल किशोर हैट्रिक लगाने के लिए मशक्कत करते दिखे। सपा के आरके चौधरी के साथ उनका सीधा मुकाबला नजर आया। स्थानीय विरोध एवं मुद्दों का यहां कई क्षेत्रों में असर दिखा। बसपा यहां पिछले चार चुनावों में दूसरे नंबर पर रही है, इस बार भी बसपा के उम्मीदवार राजेश कुमार जूझते नजर आए।

फतेहपुर : सपाई-भाजपाई भिड़े
भाजपा की साध्वी निरंजन ज्योति और सपा के नरेश उत्तम पटेल में कड़ी टक्कर दिखी। जहानाबाद के सराय होली बूथ पर भाजपा और सपा समर्थकों में झड़प हो गई। पुलिस ने लाठी भांजकर तितर-बितर किया। निषाद बहुल गंगा और यमुना कटरी क्षेत्र में स्वजातीय भाजपा प्रत्याशी पर वोट बरसे, वहीं कुर्मी बिरादरी सपा प्रत्याशी के साथ लामबंद दिखी। 

रायबरेली : कई बूथों पर घूमे राहुल, कांग्रेस मजबूत
गांधी परिवार की पारंपरिक सीट पर राहुल के चुनावी मैदान में उतरने, पूरे परिवार की सक्रियता और फिर मंच से सोनिया गांधी की भावुक अपील का असर मतदान वाले दिन भी दिखा। यहां के पांच विधानसभा क्षेत्रों में से तीन में कांग्रेस मजबूत दिखी, तो दो में भाजपा। कांटे की टक्कर के बीच शाम तक रोमांच बरकरार रहा। राहुल गांधी कई बूथों का जायजा लेते दिखे। बसपा के परंपरागत वोटर को छोड़कर ठाकुर प्रसाद यादव का कहीं खास प्रभाव नहीं नजर आया।

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अमेठी : कम होगा हार-जीत का अंतर
अमेठी में भाजपा सांसद स्मृति जूबिन इरानी और कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा में ही लड़ाई दिखी। यहां हार-जीत का अंतर इस बार मामूली ही रहेगा। बसपा के नन्हे सिंह चौहान खास असर नहीं दिखा सके। 

जालौन : भाजपा के परंपरागत वोटों में सपा ने लगाई सेंध
जालौन में भाजपा के सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री भानुप्रताप वर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर है। यहां सपा गठबंधन प्रत्याशी नारायणदास अहिरवार से उनका सीधा मुकाबला है। बसपा प्रत्याशी सुरेश चंद्र गौतम अनुसूचित जाति बहुल सीट होने के बावजूद टक्कर देते नजर नहीं आए। भाजपा का गढ़ माने जाने वाले शहरी इलाकों में भी इस बार इंडी गठबंधन टक्कर देता नजर आया। 

हमीरपुर : दलीय दायरा तोड़कर दलितों ने किया मतदान
इस सीट पर सपा के अजेंद्र सिंह लोधी और भाजपा के पुष्पेंद्र सिंह चंदेल के बीच सीधी टक्कर है। भाजपा का परंपरागत लोधी वोट इस बार खिसकता दिखा। वहीं, बसपा का काडर वोटर का भी रुख सपा और भाजपा की ओर दिखा। 

कैसरगंज : भाजपा को मिली चुनौती
महिला रेसलर विवाद, सांसद बृजभूषण पर आरोप तय होने और फिर उनके बेटे करण भूषण को टिकट देने के बाद चर्चा में आई कैसरगंज लोकसभा सीट पर सुबह से ही गजब का उत्साह दिखा। शाम तक यहां मतदान का सिलसिला बरकरार रहा। भाजपा की सपा-कांग्रेस गठबंधन के भगतराम मिश्र से सीधी लड़ाई दिखी।  

गोंडा : भितरघात ने बढ़ाई चिंता
भाजपा व सपा में सीधी टक्कर रही। सपा की श्रेया वर्मा और भाजपा के कीर्तिवर्धन सिंह अंतिम समय  तक माहौल बनाने में जुटे रहे। इसका असर भी दिखा। हालांकि भितरघात ने सबकी चिंता बढ़ाए रखी। बसपा के सौरभ यहां अपने काडर वोट को संभालने में जुटे रहे। इसके बाद भी भाजपा व सपा ने दलितों में अच्छी खासी सेंध लगाई।
बाराबंकी : बसपा के वोटों में बिखराव से टक्कर में भाजपा-कांग्रेस
सांसद वीडियो प्रकरण से चर्चा में आई सुरक्षित संसदीय सीट पर भाजपा की राजरानी रावत व कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया के बीच सीधा मुकाबला रहा। बसपा प्रत्याशी शिव कुमार दोहरे के आधार वोटरों में ही बिखराव दिखा। इसका सीधा लाभ कांग्रेस को होता दिखा।
फैजाबाद : राम का भरोसा
राममंदिर निर्माण और प्राण-प्रतिष्ठा के बाद हुए चुनाव में भाजपा से लल्लू सिंह हैट्रिक लगाने के इरादे से उतरे हैं। उनसे मुकाबिल गठबंधन प्रत्याशी सपा के अवधेश प्रसाद रहे। जातीय समीकरणों से मुकाबला रोचक रहा। मतदान के दौरान भी रोमांच बरकरार रहा। बसपा से पहली बार मैदान में उतरे सच्चिदानंद पांडेय जातीय और आधार मतदाताओं को साधने की कोशिश तो करते रहे।
बांदा : ब्राह्मण फैक्टर असर डालता दिखा
मुख्य लड़ाई भाजपा के आरके पटेल और इंडी गठबंधन की प्रत्याशी कृष्णा पटेल के बीच दिखाई दी। इस बार ब्राह्मण फैक्टर ज्यादा असर डालता दिखा। माना जा रहा था कि बसपा से मयंक द्विवेदी के मैदान में होने से ब्राह्मण मतदाताओं का रुझान उनकी तरफ दिख सकता है, पर ऐसा हुआ नहीं।  

कौशांबी : भाजपा-सपा के बीच दिखी सीधी टक्कर
इस सुरक्षित सीट पर भाजपा के विनोद सोनकर व सपा के पुष्पेंद्र सरोज के बीच कड़ा मुकाबला दिखा। मतदान में जातिवाद का मुद्दा हावी रहा। यादव, मुस्लिम और पासी के गठजोड़ से साइकिल रफ्तार भरती दिखी। उधर, कुंडा-बाबागंज विधानसभा क्षेत्र में राजा भैया के समर्थकों का झुकाव सपा की ओर दिखा।

झांसी : भाजपा के मजबूत इलाकों में शाम तक रही रौनक
भाजपा प्रत्याशी अनुराग शर्मा और कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप जैन आदित्य में आमने-सामने का मुकाबला दिखाई दिया। भाजपा के मजबूत इलाकों में जहां शाम तक रौनक दिखाई दी, वहीं मुस्लिम मतदाता भी मतदान को लेकर जागरूक नजर आए। बसपा प्रत्याशी रवि प्रकाश कुशवाहा के समर्थकों के बस्ते भी कुछ मतदान केंद्रों के आसपास दिखाई दिए। दलितों के इलाकों में भी भाजपा और कांग्रेस के बस्तों पर भीड़ दिखाई दी।