बीमारी के कारण देहव्यापार करने से मना करने पर लड़की की हत्या करने वाला फरार आरोपी 16 वर्षों के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। वैशाली विहार निवासी वीरेंदर सिंह (57) वर्ष 2007 में पश्चिमी बंगाल से लड़कियों को खरीदता और दिल्ली लाकर उनसे देह व्यापार करवा रहा था। बीमार होने के कारण एक लड़की (22) ने देहव्यापार के लिए जाने से मना कर दिया तो आरोपी ने उसकी हत्या कर शव लोहे के बक्से में रखकर फरार हो गया। उसने लड़की की हत्या करने के लिए ही कालकाजी में किराए पर घर लिया था। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 16 वर्षों से फरार इस हत्या आरोपी वीरेंदर सिंह को दिल्ली के विजय विहार से गिरफ्तार किया है। अदालत ने आरोपी को भगोड़ा घोषित किया हुआ था। आरोपी को 2007 में जमा किए गए किरायेदार सत्यापन फॉर्म पर उसके द्वारा चिपकाए गए एक फोटो के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।

अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त अमित गोयल के अनुसार प्रॉपर्टी डीलर का काम करने वाले शिकायतकर्ता कमीशन के आधार पर मकान किराये पर देने का काम भी करते थे। उसने दो जून, 2007 को आरोपी वीरेंदर सिंह को किराए पर घर दिलावाया। आरोपी ने शुरू में तीन हजार दे दिए। जब शिकायतकर्ता सात जून को किराया लेने गया तो घर बाहर से बंद था और घर से बदबू आ रही थी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा खोला तो घर में एक बड़ा संदूक मिला। उसमें एक लड़की का सड़ी-गली हालत में शव था। स्थानीय पुलिस ने मामला दर्जकर सह-अभियुक्त शंकर घोष को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी वीरेंद्र सिंह फरार था। अदालत ने उसे वर्ष 2007 में भगोड़ा घोषित किया हुआ था।

अपराध शाखा की एजीएस यूनिट के एसीपी नरेश सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर पवन व विकास पन्नू की टीम आरोपी को तलाश करने में लगी हुई थी। टीम में तैनात एएसआई रमेश 16 वर्षों से इस मामले की जांच में लगा हुआ था। उसके पास आरोपी द्वारा 2007 में जमा किए गए किरायेदार सत्यापन फॉर्म की एक प्रति थी, जिसमें आरोपी की पुरानी तस्वीर थी। उन्होंने फिर कालकाजी और गोविंदपुरी इलाके से जानकारी जुटानी शुरू की तो पता चला कि आरोपी दिल्ली के रोहिणी के विजय विहार इलाके में छिपा हुआ है। इसके बाद एसआई अजय कुमार, एसआई राजा राम, एएसआई रमेश कुमार और हवलदार राहुल कुमार की टीम ने किरायेदार सत्यापन फॉर्म की फोटो के आधार पर आरोपी वीरेंद्र सिंह को विजय विहार, रोहिणी, दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।

देहव्यापार करने से मना कर दिया तो कर दी हत्या

वैशाली, बिहार निवासी वीरेंदर सिंह ने बताया कि वर्ष 1991 में काम की तलाश में दिल्ली आया था। दिल्ली में वह चितरंजन पार्क इलाके में रहने लगा और टैक्सी ड्राइवर के रूप में काम किया। इस दौरान उसे देह व्यापार के धंधे के बारे में पता चला। 2001 में वह आसानी से पैसा कमाने के लिए देह व्यापार के धंधे में आ गया। वह पश्चिम बंगाल से युवा लड़कियों को खरीदता था और फिर उनका इस्तेमाल देह व्यापार में करता था। आरोपियों ने बताया कि वह एक लड़की को 10,000 में खरीदता थ। एक लड़की ने चार जून, 2007 को बीमारी के कारण काम पर जाने से इनकार कर दिया। इसके बाद उसने लड़की की हत्या कर दी और शव को लोहे के बक्से में रख दिया था। इसके बाद को अंदर से बंद कर कोलकाता भाग गया था।

हत्या के समय एएसआई रमेश बीट अफसर था-

वर्ष 2007 में जब लड़की की हत्या हुई थी, उस समय एएसआई रमेश बीट अफसर थे। उस समय भी, उन्होंने आरोपी वीरेंद्र सिंह का पता लगाने के लिए बहुत प्रयास किए, लेकिन आरोपी को पता नहीं लगा। इसके बाद एएसआई रमेश का वहां से तबादला हो गया और 2017 में एएसआई रमेश की तैनाती फिर से कालकाजी थाने में हो गई। तब एएसआई रमेश केा आश्चर्य लगा कि हत्या की गुत्थी तब तक नहीं सुलझी थी। एएसआई रमेश का जुनून खत्म नहीं हुआ और अन्य व्यक्तियों के माध्यम से आरोपी वीरेंदर के बार में फिर से जानकारी जुटाना शुरू किया।

बार-बार ठिकाने बदल रहा था आरोपी

पता लगा कि आरोपी वीरेंदर सिंह हरियाणा के पानीपत में छिपा हुआ है। एएसआई रमेश ने वहां वहां कुछ छापे मारे गए लेकिन आरोपी का पता नहीं चल सका । आरोपी अपने ठिकाने बार-बार बदल रहा था। इसके बाद फरवरी 2024 में, एएसआई रमेश का क्राइम ब्रांच में स्थानांतरित कर दिया गया और एंटी गैंग्स स्क्वाड (एजीएस), क्राइम ब्रांच में तैनात किया गया। एएसआई रमेश ने यहां हत्या के इस मामले को एक चुन्नौती के रूप में लिया और आखिरकार वह एएसआई रमेश आरोपी को पकड़ने में कामयाब हो गए।