सेबी। 6 सितंबर को वॉकहार्ट लिमिटेड के शेयरों में 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई, जब कांग्रेस पार्टी ने सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और फार्मास्युटिकल फर्म से जुड़े संभावित हितों के टकराव के आरोपों के बारे में बताया।

कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि बुच को मुंबई स्थित एक कंपनी से जुड़ी संपत्ति से किराये की आय प्राप्त हुई थी, जो वर्तमान में इनसाइडर ट्रेडिंग सहित विभिन्न मुद्दों के लिए सेबी द्वारा जांच के दायरे में है।

यह ध्यान दिया गया कि माधबी पुरी बुच 2018 में सेबी की पूर्णकालिक सदस्य बन गईं और बाद में उन्होंने अपनी एक संपत्ति को किराए पर दे दिया, जिससे उन्हें वित्तीय वर्ष 2018-19 में 7 लाख रुपये की आय हुई, जो 2019-20 में बढ़कर 36 लाख रुपये और चालू वर्ष में 46 लाख रुपये हो गई।

विचाराधीन संपत्ति वॉकहार्ट से संबद्ध कंपनी कैरोल इन्फो सर्विसेज लिमिटेड को पट्टे पर दी गई थी, जो कई शिकायतों के कारण सेबी द्वारा जांच के दायरे में है।

खेड़ा ने इस बात पर जोर दिया कि सेबी द्वारा वॉकहार्ट के खिलाफ चल रही जांच, तथा बुच का अध्यक्ष पद, एक महत्वपूर्ण हितों के टकराव को दर्शाते हैं। उन्होंने नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान इस स्थिति को महज हितों के टकराव के बजाय भ्रष्टाचार बताया।