पन्ना। अटल भूजल योजना अंतर्गत सही फसल-कृषि में जल उपयोग दक्षता बढ़ाना विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन गत गुरूवार को वाल्मी संस्था भोपाल के माध्यम स्थानीय टाउन हॉल में किया गया। विशेषज्ञों द्वारा अटल भूजल योजना की संक्षिप्त जानकारी प्रतिभागियों को दी गई। आनंद पाण्डेय द्वारा जिले में योजना की अद्यतन प्रगति से अवगत कराया गया। विवेक मौर्य ने सप्लाई व डिमांड साइड की जानकारी दी। दिल्ली से उपस्थित हुए सौरभ गुप्ता सीनियर कंसलटेंट ने प्रतिभागियों को समझाया कि सही फसल  क्या होती हैं, इससे क्या आशय है, इसका परिचय एवं उद्देश्य से उपस्थित लोगों को रूबरू करवाया गया। भारत में भूजल की उपलब्धता और जिले में इसकी स्थिति पर चर्चा की गई। कार्यशाला में जल संरक्षण को लेकर बुंदेली भाषा में लोकगीत भी प्रस्तुत किया गया।
    अजयगढ़ विकासखंड की फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी की बहन वंदना एवं रंझन कोरी ने बताया कि 350 सदस्यों की समिति द्वारा दलहन तिलहन फसलों का चयन कर प्रतिदिन 10 क्विंटल दाल तैयार कर व विक्रय कर अपनी आजीविका का निर्वाह कर रही हैं। बकरी पालन को भी बहनों ने अपनाया है। ग्रामीण किसानों को कृषि में परंपरागत तरीके से उत्पादन करने के स्थान पर सही फसल का चयन कैसे करें, फसल चक्र अपनाने, कम पानी की खपत वाली फसलों का चयन करने तथा सिंचाई के आधुनिक यंत्रों का उपयोग करने के बारे में बताया गया। कृषि में जल का उपयोग, उन्नत जल सिंचाई पद्धतियां और फसल विविधीकरण पर विस्तार से परिचर्चा की गई। आमंत्रित कृषि विज्ञान केन्द्र पन्ना के विशेषज्ञ पी.एन. त्रिपाठी ने जल संरक्षित करने के लिए प्रेरित किया। आर.के. सिंह उद्यानिकी विशेषज्ञ ने सब्जी उत्पादन पर लोगों को आकृष्ट किया। नाबार्ड के विवेक गुप्ता ने अन्य योजनाओं के साथ नाबार्ड से समन्वय पर जोर दिया। साथ ही नाबार्ड की कार्यप्रणाली से अवगत करवाया।
    कार्यशाला के समापन उपरांत उपस्थितजनों ने कृषि विज्ञान केंद्र का भ्रमण कर सही फसल और कृषि में जल की उपयोगिता वृद्धि की जानकारी प्राप्त की। किसानों ने प्रत्यक्ष अवलोकन कर बारीकियां भी सीखीं। एक दिवसीय कार्यशाला के सफल आयोजन में नोडल अधिकारी ए.के. खरे और एक्सपर्ट हरेन्द्र सिंह का विशेष सहयोग रहा।