दिल्ली । एम्स के सर्वर पर रेनसमवेयर अटैक के चौथे दिन भी अस्पताल की डिजिटल सेवाएं ठप है। इस वजह से अब तक आनलाइन ओपीडी पंजीकरण और जांच के लिए बार कोड जनरेट नहीं हो पा रहा है। हालांकि, एम्स के डेंटल सेंटर में मौजूद सर्वर के दूसरे बैकअप से डाटा रिकवर करने का काम पूरा हो गया है। एनआइसी (नेशनल इंफार्मेटिक सेंटर), इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईटारटी-आइएन) के साथ-साथ सीडैक (सेंटर फार डेवलपमेंट आफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग) की टीम भी सर्वर को ठीक करने और डिजिटल सेवाएं बहाल करने में लगी हुई हैं। सोमवार से एम्स की डिजिटल सेवाएं शुरू होंगी।

एम्स से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल की डिजिटल सेवाएं एक साथ शुरू नहीं होंगी। उसे चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा। सबसे पहले इमरजेंसी, आइपीडी, स्मार्ट लैब और नए ओपीडी ब्लाक का आनलाइन सिस्टम शुरू किया जा सकता है। इसके बाद एम्स के अन्य सेंटरों की डिजिटल सेवाएं शुरू होंगी। इस तरह एम्स की डिजिटल सेवाएं पूरी तरह सामान्य होने में अभी थोड़ा वक्त लग सकता है। उल्लेखनीय है कि रैनसमवेयर अटैक के कारण 23 नवंबर से एम्स की डिजिटल सेवाएं बंद हैं। इसका कारण यह है कि एम्स के ई-हास्पिटल का डेटा बेस सर्वर, एलआइएस (लेबोरेटरी इंफार्मेशन सिस्टम) डाटा बेस सर्वर, एलआइएस एप्लीकेशन सर्वर और पहला बैकअप खराब हो गया था।