रामजी के ननिहाल से बागेश्वर धाम आया रामनामी सम्प्रदाय का दल
छतरपुर। बागेश्वर धाम सिद्धपीठ में शुक्रवार को भगवान श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ के चन्द्रखुड़ी नगरी से आए रामनामी सम्प्रदाय के लोगों का बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर ने आत्मीय स्वागत किया। महाराजश्री ने कहा कि यह सम्प्रदाय अपने रोम-रोम में भगवान श्रीराम को बसाए है इसलिए यह हमेशा अतिप्रिय होना चाहिए।
बागेश्वर धाम पहुंचे रामनामी सम्प्रदाय के लोग गहनों के स्थान पर गोदना से उनकी आकृति शरीर में उकेरे हैं। इन लोगों ने बताया कि वे भगवान राम को अपने शरीर में बसाए हैं। भगवान राम इस सम्प्रदाय के रोम-रोम में बसे हैं। एक माता जी ने बताया कि उन्होंने शरीर में इसलिए गहनों की आकृति बनवाई है ताकि उनकी मृत्यु होने के बावजूद शरीर से गहने न उतर सकें। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि बालाजी से मिलने आया रामनामी सम्प्रदाय अत्यंत सौभाग्यशाली है। रामजी का ननिहाल इनका गांव है। माता कौशल्या की कृपा इस सम्प्रदाय पर हमेशा बनी रहे। उल्लेखनीय है कि रामनामी सम्प्रदाय मूर्ति पूजा पर भरोसा नहीं करता, उसका मानना है कि शरीर ही मंदिर है और शरीर में जो रामनाम अंकित कराया है वहीं भगवान विराजमान हैं। सम्प्रदाय के लोगों ने महाराजजी को मोर के पंखों से बनी टोपी और शॉल भेंट की।
सनातन एकता पदयात्रा के शुरू हुए पंजीयन
आगामी 21 नवंबर से 29 नवंबर तक चलने वाली सनातन एकता पदयात्रा के पंजीयन शुरू हो गए हैं। बागेश्वर धाम के सेवादार चक्रेश सुल्लेरे ने बताया कि 21 नवंबर से बागेश्वर धाम से पूज्य महाराजश्री की यात्रा लाखों लोगों की उपस्थिति मे शुरू होगी। यह यात्रा 29 नवंबर को रामराजा सरकार की नगरी ओरछा धाम पहुंचेगी। यात्रा में शामिल होने के लिए पंजीयन अनिवार्य किया गया है। जो व्यक्ति यात्रा में शामिल होना चाहता है वह बागेश्वर धाम के कार्यालय क्रमांक 5 में संपर्क कर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है। रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड एवं मोबाइल नंबर की जरूरत पड़ेगी। श्री सुल्लेरे ने बताया कि अभी ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं जल्द ही यह सुविधा ऑनलाइन कर दी जाएगी। रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या बढऩे की स्थिति में अन्य कार्यालयों के माध्यम से भी यह कार्य शुरू होगा। रजिस्ट्रेशन इसलिए भी आवश्यक है ताकि लोगों की संख्या के आधार पर अन्य सुविधाओं की व्यवस्था बनाई जा सके।