बागेश्वर महाराज ने पद यात्रियों में भरा जोश, कहा- हिंदू जगाकर रहेंगे
छतरपुर। सनातन हिन्दू एकता पद यात्रा धीरे-धीरे विराम की ओर जा रही है। सातवे की यात्रा का विश्राम निवाड़ी में हुआ। यात्रा की अगुवाई कर रहे बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने सभी पद यात्रियों में जोश भरते हुए कहा कि हमें झुकना नहीं है, न ही अपने पथ में रुकना है, सनातन के लिए डटे रहना है, तभी हमारा सनातन धर्म बचेगा।
जानकारी के मुताबिक बागेश्वर धाम से ओरछा रामराजा सरकार की नगरी ओरछा तक चलने वाली सनातन हिंदू एकता पदयात्रा सातवें दिन निवाड़ी पहुंची। पदयात्रा का जगह जगह स्वागत किया जा रहा है। महिलाएं सिर पर कलश रखकर स्वागत के लिए खड़ी है तो वहीं लोग उनकी आरती उतार रहे हैं। महाराज श्री जिस गांव से निकलते हैं उस गांव के बिछड़े और पिछड़े लोगों को गले लगाकर आगे बढ़ रहे हैं। जिन लोगों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनका भी कभी सम्मान होगा उन्ह महाराज श्री अपने पास बुलाकर सम्मानित कर रहे हैं। यात्रा में किशोरदास जी महाराज गोरेलाल कुंज श्रीधाम वृंदावन, हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास महाराज, अंकुश जी अरेया, राम श्याम जी, रामदास उपाध्याय कनकेश्वरी मां गुजरात, दीनबंधुदास, अनुज शास्त्री के अलावा अन्य संतो के साथ-साथ दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी, गरौठा विधायक जवाहर राजपूत, भाजपा विधायक अनिल जैन, कांग्रेस के नितेंद्र राठौर, पूर्व विधायक राकेश गिरी, प्रख्यात भजन गायक कन्हैया मित्तल, गौतम खट्टर विशेष रूप से शामिल रहे।
पदयात्रा से क्रांति की शुरुआत होती है: विश्वास सारंग
बागेश्वर महाराज की पदयात्रा में शामिल हुए मध्य देश के चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि इतिहास गवाह है कि पदयात्राओं से क्रांति की शुरुआत होती है। महाराज श्री ने संपूर्ण हिंदू समाज को एक माला में पिरोने का काम किया है। पूरी दुनिया में सनातन धर्म का परचम लहरा रहा है उन्होंने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य ने पैदल चलकर सनातन धर्म की रक्षा के लिए चार मठों की स्थापना की थी। भगवान राम ने भी पैदल यात्रा कर राक्षस रावण का संहार किया था। आजादी के पहले महात्मा गांधी ने भी कई यात्राएं की। इससे स्पष्ट है कि यात्राओं के परिणाम दूरगामी होते हैं।
देश छोड़ा मगर संस्कृति नहीं छोड़ी, दुबई की बहन चल रही यात्रा में
भारत देश के लोग दुनिया के कई देशों में बस गए हैं। देश के लोग अन्य देशों में रहने के बाद भी वह अपनी संस्कृति और सभ्यता से जुड़े हैं। यह सनातन सभ्यता सबको जोड़ने का ही काम करती है। दुबई में रह रही एक महिला सनातन हिंदू एकता पदयात्रा में महाराज जी के साथ चल रही है। भावना किसनानी नाम की महिला ने बताया कि वह 40 वर्ष से दुबई के अबूधाबी में रह रही है। उनके पति किराना व्यापारी है। परिवार को छोड़कर महाराज श्री की पदयात्रा में वह पूरे उत्साह से चल रही है। जब उससे पूछा गया कि वह पति और बच्चों को छोड़कर यात्रा में चल रही है क्या उसे किसी भी प्रकार का भय नहीं है तो उसका उत्तर था कि अपने घर से ज्यादा सुरक्षित यात्रा में है। भावना ने बताया कि वह लगातार पैदल चल रही है और उसे अंदर से एक अद्भुत शक्ति का अनुभव हो रहा है। इसी शक्ति के सहारे वह पिछले 7 दिनों से लगातार चलती आ रही है। इसी तरह एक अन्य बहन नेपाल से महाराज श्री के साथ चलती चली आ रही है। इस यात्रा में देश के कोने-कोने से लोग शामिल हुए हैं।
बुंदेलखंड के खली के कारनामे देखकर लोग रह गए हैरान
दमोह के बद्री बुंदेलखंड के खली के नाम से जाने जाते हैं। वह पूरी यात्रा में हनुमान जी का रथ अपने बालों से खींच रहे हैं। तमाम प्रयोग के बाद यह सिद्ध हुआ कि उसके बाल बहुत मजबूत है। घुघसी से सकरार के बीच यात्रा के दौरान बुंदेलखंड के खली बद्री और उसकी टीम ने लोहे की नुकीली कीलों के ऊपर लेटकर हैरत अंगेज कारनामा किया। एक के बाद एक करीब पांच लोगों को क्रम से लिटाकर सबसे ऊपर वाले युवक की छाती में पत्थर रखकर उसे एक ही झटके में फोड़ दिया। यह देखकर लोग अचंभित हो गए। बद्री और उसकी टीम इस तरह के कई कारनामे पूरी यात्रा में करती चली आ रही है। खतरनाक स्टंट को देखकर लोग भौचक्के रह गए।
सभी समाजों के साथ महाराज श्री ने किया समरसता भोज
सनातन हिंदू एकता यात्रा का मूल उद्देश्य आपसी भेदभाव, छुआछूत को मिटाकर सिर्फ हिंदू बनाने का प्रयास है इसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर महाराज श्री ने सकरार में दोपहर के भोजन के वक्त सभी समाजों के साथ बैठकर भोजन किया। हालांकि इसके पहले उरदौरा में बीच रास्ते में बैठकर महाराज श्री ने नास्ता किया था। आपसी भेदभाव मिटाने का यही सबसे बड़ा उद्देश्य है कि लोगों के साथ बैठकर भोजन करें, हिंदू के विकास की बातें करें।